Goodbye to Manmohan Singh: मनमोहन सिंह ने बदली थी दिल्ली की सूरत, एसी बसों से लेकर Metro तक सार्वजनिक परिवहन में रहा अहम योगदान

Delhi News: इन दिनों दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बना हुआ है। क्या आप जानते हैं कि दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने में मदद की बल्कि उनके फैसले के कारण ही दिल्ली की सड़कों पर एसी बसें दौड़ रही हैं। उन्होंने JNNURM (जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन) योजना को मंजूरी दी और इस योजना के तहत दिल्ली को भारी भरकम इंफ्रास्ट्रक्चर मिला।
JNNURM योजना के तहत बदली दिल्ली की रंगत
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को सहायता राशि देने का प्रावधान बनाया गया। नियमों के तहत दिल्ली की परियोजनाओं के लिए 30 फीसदी राशि मिलनी थी और ये रकम दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गेम चेंजर साबित हुआ। इसके तहत दिल्ली में कई बड़े फ्लाईओवर, एलिवेटेड रोड बनाई गईं।
साथ ही, दिल्ली में कुछ एसी बसों की शुरुआत की गई। हालांकि उस समय तक बसों की संख्या सीमित थी। सबसे पहले इन एसी बसों को कॉमनवेल्थ गेम्स में चलाया गया और इसके बाद इन्हें दिल्ली की सड़कों पर चलाने की मंजूरी दे दी गई। अब तक ये एसी बसें दिल्ली की सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं और आम लोगों को इन बसों के चलने से काफी फायदा हुआ है।
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दिल्ली मेट्रो में भी रहा योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली मेट्रो को लेकर भी काफी योगदान रहा। जब डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, तब दिल्ली मेट्रो का पहला फेज मंजूर हो चुका था और शाहदरा से रिठाला तक लाइन तैयार की जा चुकी थी। वहीं पहली अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था। ये लाइन विश्वविद्यालय से कश्मीरी गेट के बीच बनाई गई थी।
एम्पॉवर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन
पीएम बनने के बाद उन्होंने मेट्रो परियोजनाओं को रफ्तार देने के इरादे से एम्पॉवर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया, जो कारगर साबित हुआ। इस ग्रुप के कारण दिल्ली में मेट्रो के दूसरे फेज को जल्दी ही मंजूरी मिल गई और अन्य राज्यों में भी मेट्रो लाने का रास्ता साफ हो गया। इतना ही नहीं तत्कालीन पीएम डॉ. सिंह ने एक पॉलिसी बनाई जिसमें कहा गया कि राज्य सरकारों की सिफारिश पर बनने वाली मेट्रो लाइनों पर अगर घाटा होता है, तो राज्य सरकार को ही इसकी भरपाई करनी होगी।
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क्या है JNNURM योजना
बता दें कि (JNNURM) जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना भारत सरकार द्वारा साल 2005 में शुरू की गई। इसकी शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री . मनमोहन सिंह ने की थी। इसका संचालन भारत सरकार का शहरी विकास मंत्रालय करता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी और अर्द्धशहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह था कि शहर में रह रहे गरीबों को मदद पहुंचाई जा सके और उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। इस योजना को सात साल के लिए शुरू किया गया था। इसके बाद इसे 2012 में दो सालों के लिए बढ़ाया गया। 31 मार्च 2014 में इस योजना को बंद कर दिया गया।
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