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Election Commission Notice: दिल्ली की मंत्री आतिशी को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है और तथ्यों के साथ 6 अप्रैल 2024 की शाम पांच बजे तक जवाब देने को कहा है।

ECI Notice to Atishi: दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, आतिशी को इलेक्शन कमीशन ने नोटिस भेजा है। आप मंत्री ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि भाजपा ने उन्हें पार्टी ज्वॉइन करने का ऑफर भेजा है। उनके इस बयान को लेकर चुनाव आयोग ने उनसे जवाब मांगा है। आयोग ने कहा कि मंत्री इस दावे के समर्थन में सबूत पेश करें।

6 अप्रैल तक का दिया समय 

इलेक्शन कमीशन ने आतिशी को तथ्यों के साथ शनिवार (6 अप्रैल, 2024) की शाम पांच बजे तक जवाब देने को कहा है। हाल ही में बीजेपी ने भी मामले को लेकर आतिशी को कानूनी नोटिस भेजा था। बता दें कि 2 अप्रैल को आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था बीजेपी ने मेरे एक करीबी के माध्यम से मुझे पार्टी ज्वाइन करने के लिए अप्रोच किया है। इसके बाद बीजेपी ने उनसे सबूत मांगा था।

नोटिस पर क्या बोले मनोज तिवारी

चुनाव आयोग के द्वारा आप नेता आतिशी को नोटिस जारी करने पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आतिशी के सभी आरोप निराधार थे। हमने उन्हें चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। हमने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की। अब चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है, AAP नेताओं और विशेष रूप से आतिशी ने हमेशा भाजपा की छवि खराब की है।

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बीजेपी ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत

बता दें कि आतिशी के इस बयान के बाद बीजेपी ने 4 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन से शिकायत की थी। बीजेपी ने आतिशी के इस बयान पर कहा था कि आम आदमी पार्टी की आतिशी को यह कहने पर कानूनी नोटिस भेजा है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने या जेल जाने की चेतावनी दी गई है।

वहीं, आतिशी के बयान पर दिल्ली बीजेपी प्रदेश वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि आतिशी को इसका सबूत पेश करें। वर्ना उनके खिलाफ मानहानि का केस किया जाएगा। उनके इस बयान दिल्ली बीजेपी कार्यकर्ताओं की भावना को ठेस पहुंची है। 

चुनाव आयोग की नोटिस पर आतिशी ने का बयान

चुनाव आयोग की नोटिस पर इस बीच आतिशी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल को बीजेपी ने मेरी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आज 5 अप्रैल को सुबह 11:15 बजे न्यूज चैनलों पर फ्लैश हुआ कि आतिशी को नोटिस भेजा गया है, लेकिन आधा घंटा बाद मुझे मेल में नोटिस मिला। इसका मतलब यह है कि बीजेपी पहले चुनाव आयोग का नोटिस मीडिया में प्रसारित करती है और उसके बाद मुझे नोटिस मिलता है। मेरा सवाल है कि क्या चुनाव आयोग बीजेपी का सहायक संगठन बन गया है।

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