शाबाश दिल्ली पुलिस: मुस्तफा ने अब्दुल बनकर 14 साल तक दिया चकमा, एक गलती से पत्नी और पिता के साथ गिरफ्तार 

Delhi police Arrested three accused
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दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
दिल्ली पुलिस ने 14 साल पुराने मर्डर केस को सुलझाते हुए तीन इनामी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 14 साल बाद गिरफ्तारी की कहानी जानकर आप भी रह जाएंगे दंग।

Delhi Crime News: दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक महिला को जिंदा जलाकर फरार होने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान मुस्तफा, मासूमा और जर्रार खान के रूप में की गई है। इन लोगों ने 14 साल पहले, साल 2010 में एक महिला को जिंदा जलाया था और बाद में फरार हो गए थे। न्यायालय ने इन्हें भगोड़ा घोषित किया था और पुलिस ने इन पर पचास-पचास हजार रुपए का इनाम भी रखा था।

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फोटो से हुआ शक

बता दें कि कांस्टेबल मोहित कुमार को एक पहचान पत्र में आरोपी मुस्तफा की फोटो दिखाई दी थी। मोहित को उस फोटो पर शक हुआ। इसके बाद उन्होंने उस पहचान पत्र की जांच की, तब पता चला कि ये युवक एक हत्या के केस में आरोपी है और काफी समय से फरार चल रहा है। हालांकि उस पहचान पत्र पर नाम, जन्मतिथि और पता अलग था। इसके बाद एक्शन में आते हुए दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि आरोपी जमशेदपुर और झारखंड के अन्य जिलों के सिम से मोबाइल फोन चला रहे थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच को आरोपी के मूल स्थान बंगाल के आसनसोल में एक मोबाइल फोन के जरिए जरूरी सुराग मिला।

पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस टीम ने झारखंड के जमशेदपुर जाकर अब्दुल करीम के नाम से रह रहे मुस्तफा को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर जमशेदपुर के आजाद नगर से रेशमा हाफिज के नाम से रह रही मासूमा को गिरफ्तार किया गया। अंत में पुलिस ने गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में रह रहे जर्रार खान को गिरफ्तार कर लिया गया।

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि साल 2010 में दिल्ली के गोकुलपुरी में एक परिवार रहता था। इसमें बहू मासूमा अपने पति मुस्तफा, सास रोशनआरा और ससुर जर्रार खान के साथ रहती थी। वो अक्सर शिकायत किया करती थी कि उसकी सास रोशन आरा उसे अक्सर परेशान करती है। इसके बाद तीनों ने प्लान बनाकर रोशनआरा को जिंदा जला कर मार डाला। इसके बाद तीनों मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने इन तीनों पर पचास-पचास हजार का इनाम रखा हुआ था और अदालत ने इन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। ये तीनों अलग-अलग जगहों पर नाम बदलकर रह रहे थे। इन्होंने नए पहचान पत्र बनवाए और उनके आधार पर सिम कार्ड और अन्य जरूरी सुविधाएं लीं।

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