Delhi Liquor Policy Case: चौथी बार ED के सामने पेश नहीं होंगे अरविंद केजरीवाल! गोवा जाने का है प्लान

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं। वहीं, आज सीएम केजरीवाल के भी ईडी के सामने पेश होने की संभावना कम है।

Delhi Liquor Policy Case: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शराब घोटाला मामले में चौथी बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होने की संभावना कम है। ईडी ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री केजरीवाल को चौथी बार समन जारी करते हुए 18 जनवरी को पेश होने को कहा था। इसी बीच आज वे 3 दिन की गोवा यात्रा पर निकल रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें कानून के मुताबिक जो भी करना होगा वो करेंगे।

गोवा जाने का है प्लान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि पहले घोषित कार्यक्रम के अनुसार अरविंद केजरीवाल गुरुवार को गोवा के लिए रवाना होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी प्रमुख के तौर पर अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में पार्टी की तैयारियों का जायजा भी लेने वाले हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल पहले 11 जनवरी को गोवा के दो दिवसीय दौरे पर जाने वाले थे। वह राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की तैयारियों के कारण उन्हें दौरा रद्द करना पड़ा।

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ईडी का समन अवैध-केजरीवाल

सीएम केजरीवाल को ईडी ने 2 नवंबर, 22 दिसंबर और 3 जनवरी को समन जारी किया था। इस बीच वह तीनों मौकों पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए। सीएम केजरीवाल ने ईडी के इस समन पर सवाल उठाते हुए इसे अवैध बताया था। सीएम केरीवाल पहले समन के समय 2 नवंबर को मध्य प्रदेश दौरे पर निकल गए। उन्होंने वहां रैली की थी। 22 दिसंबर को, दूसरे समन के समय, मुख्यमंत्री विपश्यना के लिए पंजाब में थे। गणतंत्र दिवस की तैयारियों के साथ-साथ दिल्ली में तीन सीटों के लिए चल रहे राज्यसभा चुनाव का हवाला देकर 3 जनवरी को मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे।

शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में गुटबंदी की इजाजत दी गई है और कुछ डीलरों का पक्ष लिया गया है जिन्होंने इसके लिए रिश्वत दी है। आम आदमी पार्टी ने बार-बार इसका खंडन किया है। दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई ने पिछले साल 17 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी।

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