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शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में डाइट को लेकर पांच दिवसीय योग कार्यक्रम को आयोजित किया गया है। जिसमें प्रशिक्षणार्थियों ने योगाभ्यास को पूरे मन लगाकर किया और खुशी जाहिर की। 

बेमेतरा- छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एससीईआरटी के आदेश के मुताबकि, शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में डाइट को लेकर पांच दिवसीय योग कार्यक्रम को आयोजित किया गया है। इस योग अभ्यास में अनुलोम विलोम, कपालभाति, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, शीर्षासन से लेकर तमाम तरह के व्यायाम मास्टर ट्रेनर ने सिखाया है। जिसके बाद सभी प्रशिक्षणार्थियों ने योगाभ्यास को पूरे मन लगाकर किया और खुशी जाहिर की। 

नोडल अधिकारी ने क्या बताया

डाइट के व्याख्याता और योग शिक्षा कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी थलज कुमार साहू ने योग की हमारे दैनिक जीवन में महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस दौरान रामकुमार साहू, गोपेश्वरी साहू, अर्चना ढोबले, भावना टंडन, बलराम निर्मलकर, बाल हरि देवांगन, शंकर लाल साहू, हेमलता साहू, मदनलाल साहू, तुलसीराम वर्मा सहित चारों विकासखंड के शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।

Yoga

सैद्धांतिक सेशन की शुरुआत

बता दें, जल नेति, सूत्र नेति, दुग्ध नेति, घृतनेती आदि के बारे में मास्टर ट्रेनर्स भरत लाल साहू, दीपक कुमार यादव और एला राम देवांगन ने बहुत कुछ बताया। समाधान महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. अवधेश पटेल के माध्यम से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। डॉ. अवधेश पटेल ने बताया कि, योग से मानसिक क्षमता को कैसे विकसित कर सकते हैं,  इस विषय पर स्लाइड शो और लघु फिल्म के माध्यम से प्रोजेक्टर में विस्तार से जानकारी दी गई है। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि, एक शिक्षक के लिए सफलता यही है कि, वे अपने जिस बच्चे को पढ़ा रहे हैं। वह बच्चा कई सालों तक वैसा ही उत्साह जनक व्यवहार करें। किसी के मन में अगर अच्छे भाव है तो वह दूर बैठकर भी अपना भाव व्यक्त कर सकता है। इसमें फिजिकल दूरी भले हो सकती है, लेकिन मानसिक दूरी कोई मायने नहीं रखती है। 

चेतन मन ही अवचेतन मन को नियंत्रित करता है 

डॉ. अवधेश पटेल ने कहा कि, किसी दृश्य को दिखाना है या उसे स्पष्ट करना है तो उसमें समझ विकसित करने के लिए कुछ दृश्य दिखाना होता है तभी वह उस दृश्य के बारे में समझ पाता है। हमारा चेतन मन ही अवचेतन मन को नियंत्रित करता है। एक घुड़सवार की शक्ति बहुत कम रहती है, लेकिन वह उससे कई गुना शक्तिशाली घोड़े को भी नियंत्रित कर लेता है। हमारा चेतन मन ग्रहण भी करता है, एनालिसिस भी करता है, स्टोर भी करता है, जब हमारा चेतन मन सो जाता है तो सब कॉन्शस मन 24 घंटे जागता रहता है। किसी कमजोर बच्चें के ऊपर अगर हम 21 दिन तक लगातार कार्य करते हैं तो यह कार्य बालक के सब कॉन्शस मन में एक पैटर्न के रूप में बन जाता है। 

निरंतर प्रयास करते रहिए

उन्होंने बताया कि, हम सब कॉनशस मन को जो भी आदेश देते हैं। वह वही कार्य करता है। वह जो सोचता है वहीं घटना है जो हम मान लेते हैं। इसके लिए आपको सुबह जल्दी उठना होगा, ताकी हमारा शरीर स्वस्थ दुरुस्त और स्फूर्ति युक्त रहता है। योग से हम शरीर में होने वाली तरह-तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। 

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