विश्व वानिकी दिवस : कॉलेज में दो दिवसीय व्याख्यान का आयोजन, छात्राओं को बीज अंकुरण और आधुनिक तकनीकों की दी गई जानकारी 

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कॉलेज में व्याख्यान का आयोजन
महिला कॉलेज में विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर दो दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसके तहत छात्राओं को बीज अंकुरण, नैनो टेक्नोलॉजी आदि की जानकारी दी गई। 

रायपुर। शासकीय बजरंग महिला महाविद्यालय वनस्पति शास्त्र विभाग ने दो दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम के पहले दिन महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर किरण गजपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, इस प्रकार के आयोजन से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है और ज्ञान में वृद्धि होती है।

प्रथम विशिष्ट अतिथि के रूप में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय बायोटेक्नोलॉजी विभागाअध्यक्ष डॉ केके साहू ने रिवाइटलाइजेशन ऑफ सीड्स विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बीजों के अंकुरण को बढ़ावा देने में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद डॉक्टर वि के कानूनगो, प्रोफेसर शासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय ने अपने व्याख्यान में सतत विकास की भूमिका और उसके महत्व को समझाया। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का संधारणीय उपयोग करते हुए भविष्य के लिए संरक्षण का महत्व बताया।

welcoming guests
अतिथियों का स्वागत सत्कार

मशरूम में है औषधीय गुण इसके संवर्धन से होगा आर्थिक लाभ

व्याख्यान के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में डॉक्टर एमपी ठाकुर प्रोफेसर और पूर्व डीन आईजीकेवी रायपुर ने मशरूम के संवर्धन से आर्थिक लाभ प्राप्ति और मशरूम में मौजूद उच्च पोषक तत्व और उसके अनेक औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताया।

वैश्विक स्तर पर बायो एथेनॉल का उत्पादन लाभदायी

अंतिम सत्र में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एस के जाधव ने बताया कि, वैश्विक स्तर पर बायो एथेनॉल के उत्पादन द्वारा पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के उपयोग में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि, ईंधन के रूप में बाय एथेनॉल के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव को काम किया जा सकता है। दो दिवसीय व्याख्यान में विभाग अध्यक्ष डॉक्टर प्रकाश कौर सलूजा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर अपना आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अरुणा श्रीवास्तव, डॉ दीपा श्रीवास्तव, डॉक्टर वैभव आचार्य, डॉ बायुल लाल, विनीता साहू के मार्गदर्शन में पूरा हुआ।

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