सावन का आज पहला सोमवार : धमधा के बूढ़ेश्वर मंदिर में साक्षात नजर आते हैं शिवजी

Dhamdhas Budheshwar temple
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बूढ़ेश्वर शिव मंदिर का निर्माण 15 वीं ईस्वी में हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक इस शिवलिंग की खासियत यह है कि पश्चिममुखी इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ पर शेषनाग लिपटे हुए हैं। 

भिलाई/ धमधा। दुर्ग का धमधा में एक ऐसा शिवमंदिर है, जहां शिवजी साक्षात नजर आते हैं। यह बूढ़ेश्वर महादेव के रूप में अंचल में विख्यात है। यहां के एक बूढ़ा तालाब और चौखरिया तालाब के तट पर स्थित बूढ़ेश्वर शिव मंदिर का निर्माण 15 वीं ईस्वी में हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक इस शिवलिंग की खासियत यह है कि पश्चिममुखी इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ पर शेषनाग लिपटे हुए हैं, जो साक्षात नजर आते हैं। कुछ लोग इस मंदिर को उलटा मंदिर भी कहते है, क्योंकि मंदिर का ऊपरी भाग समाप्त हो चुका है।

दस साल पहले छत्तीसगढ़ पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग ने इस मंदिर को अपने अधीन लिया है, लेकिन जीर्णशीर्ण हाल अब तक नहीं सुधारी। बावजूद इसके सावन में शिवभक्त बड़ी संख्या में जुटते हैं। प्रतिदिन भक्त सुबह पांच बजे से भोलेनाथ की पूजा करने लोग आते हैं। साथ ही दूध, जल, बेलपत्र, फूल, पंचामृत, घी, अक्षत, मधुरस, शक्कर, श्रीफल चढ़ाकर भगवान शंकर का पूजन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस सावन मास में बूढ़ेश्वर महादेव भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।

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