खतरे में विशेष संरक्षित बैगा आदिवासी : जबरदस्ती बेदखल करने का हो रहा प्रयास, बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे लोग 

Specially Protected Baiga Tribes
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विशेष संरक्षित बैगा आदिवासी
मुंगेली जिले के लोरमी के झिरिया में भारी बारिश के बीच विशेष संरक्षित बैगा आदिवासी के लोग अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। 

सैय्यद वाजिद- मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी के झिरिया में भारी बारिश के बीच विशेष संरक्षित बैगा आदिवासी के लोग अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। जल, जंगल- जमीन के भरोसे जीवन यापन करने वाले यह बैगा आदिवासी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं। जिन्हें संरक्षित रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। लेकिन इन दिनों अन्य व्यक्तियों के द्वारा इनके हक अधिकार को छीनने का प्रयास किया जा रहा है।

दरअसल, इन बैगा आदिवासियों का आरोप है कि, मुंगेली जिले की सीमा से लगे मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में अन्य व्यक्तियों को बसाया जा रहा है। इनकी विरासत जंगल से इनको मारपीट करके बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ दिन पहले अन्य व्यक्तियों के द्वारा बलपूर्वक इनके कम्पार्टमेन्ट में खेती कार्य किया जा रहा था। जिसका विरोध करने पर इनके साथ मारपीट की गई। इस मामले की शिकायत खुड़िया चौकी में रिपोर्ट दर्ज करायी गई है। हालातों से मजबूर ये बैगा आदिवासी भारी बारिश के बावजूद छोटे- छोटे मासूम बच्चे, बुर्जुगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे।

कलेक्टर ने दिये कार्रवाई के निर्देश

इस मामले पर कलेक्टर राहुल देव ने वनविभाग के डीएफओ को समस्या का निराकरण के लिए निर्देशित किया है। साथ में उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि, जो व्यक्ति इस तरह की करतूत कर रहा है। उनके खिलाफ थाने में केस दर्ज कर जेल भेजें। उन्होंने अपील की है कि, किसी के बरगलाने पर जंगल मे कब्जा ना करें अन्यथा उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जंगल और वहां के रहने वाले बैगा आदिवासियों को संरक्षित करने की जवाबदेही प्रशासन की है।

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