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निजी और सरकारी अस्पताल मिलाकर राज्य में करीब एक हजार करोड़ की आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज की राशि पेंडिंग है।इलाज से निजी अस्पताल खड़े कर रहे हाथ है।

रायपुर। आर्थिक तंगी से जूझ रहे अस्पतालों को थोड़ी राहत देते हुए राज्य शासन ने 247.50 करोड़ की तीसरी किस्त जारी की है। दावा किया जा रहा है कि इस राशि के माध्यम से जुलाई-अगस्त का पेंडिंग क्लीयर हो पाएगी और चार माह की लंबित राशि के लिए अभी और इंतजार करना होगा। दावा किया जा रहा है कि निजी और सरकारी अस्पताल मिलाकर राज्य में करीब एक हजार करोड़ की आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज की राशि पेंडिंग है। पिछले दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ कई निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने आयुष्मान योजना का संचालन करने वाली स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारियों से मुलाकत की थी। इस दौरान उन्हें पेंडिंग राशि की दूसरी किस्त जारी करने का आश्वासन दिया गया था। 

शनिवार को थोड़ी राहत देते हुए पेंडिंग राशि का 247.50 करोड़ रुपए वित्त विभाग द्वारा जारी किया गया है। एक हजार करोड़ की जो राशि पेंडिंग है, उसमें निजी के साथ सरकारी अस्पतालों का भी हिस्सा शामिल है। राशि नहीं मिलने वजह से उन्हें भी कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। आईएमए रायपुर अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि पेंडिंग काफी बड़ी है और जारी की गई राशि गर्मी के सूखे में बारिश की थोड़ी बूंदों के समान है। अस्पतालों को दिसंबर तक की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और इसके लिए आईएमए लगातार प्रयास कर रहा है। राशि का भुगतान नहीं होने की वजह से निजी अस्पताल आर्थिक तंगी का रोना रो रहे हैं। इसकी वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे अस्पताल हो चुके हैं। कई अस्पताल तो इसकी वजह से आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से मरीजों को इनकार कर रहे हैं। शनिवार को रिलीज की गई राशि से ऐसे अस्पतालों को थोड़ी आस बंधी है।

सतत मॉनिटरिंग के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों की सतत मॉनिटरिंग करने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। शनिवार को महानदी भवन में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने राज्य नोडल एजेंसी के स्तर पर रिक्त प्रशासकीय एवं तकनीकी पदों की शीघ्र भर्ती करने पर जोर दिया। इसके अलावा योजना के विपरीत मरीजों से अतिरिक्त राशि लेने वाले अस्पतालों में एक्शन लेने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी, एमडी एनएचएम डॉ. जगदीश सोनकर, एमडी सीजीएमएससी पद्मिनी भोई साहू समेत विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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