विधानसभा में उठा मुद्दा : सीजीएमएससी के रिएजेंट खरीदी का मामला, मोक्षित को अरबों का काम, 329 करोड़ अभी भी बकाया

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विधानसभा के मानसून सत्र में सप्लाई को लेकर विधायकों ने सवाल उठाए ।विधानसभा में यह मामला भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक और अनुज शर्मा ने उठाया।

रायपुर। विधानसभा में सीजीएमएससी के द्वारा लैब रिएजेंट की सप्लाई को लेकर कई सवाल उठे। मामले में एक ही फर्म को मोक्षित कार्पोरेशन का अनुबंधित कर अधिक लाभ देने का मामला भी सामने आया। राज्य शासन ने मामले में एक जांच समिति का भी गठन किया गया है। समिति नौ बिंदुओं में इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी। विधानसभा के मानसून सत्र में सप्लाई को लेकर विधायकों ने सवाल उठाए ।

विधानसभा में यह मामला भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक और अनुज शर्मा ने उठाया। वर्ष 2021 से जून 2024 तक सीजीएमएससी के द्वारा चार फर्मों से लैब रिएजेंट खरीदे गए। इन फर्मों में बागरी इंटरप्राइजेज, फैथ इनोवेशन, सी फेल्ट इंडिया लिमिटेड और मोक्षित कार्पोरेशन का नाम शामिल हैं। कंपनियों से अलग-अलग लैब रिएजेंट खरीदी की गई। इनमें से मोक्षित कार्पोरेशन को सबसे अधिक काम दिया गया। मामले में यह बताया गया कि इनमें से कई रिएजेंट की खरीदी का माध्यम स्पष्ट नहीं था।

समिति में ये किए गए शामिल

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समिति में रूद्र प्रताप सिंह चौहान वित्त नियंत्रक, डॉ. अनिल परसाई उप संचालक, एसएन पांडेय पैथालॉजी विशेषज्ञ, डॉ. खेमराज सोनवानी, डॉ. आनंद वर्मा स्टोर कंसलटेंट, आनंद साहू एसपीएम एनएचएम और जावेद कुरैशी योजना प्रभारी एनएचएम को शामिल किया गया।

बिना मांग अरबों की सप्लाई कर दी थी

उल्लेखनीय है कि, हरिभूमि ने छत्तीसगढ़ में बिना मांग के अरबों रुपए की रीएजेंट सप्लाई का मामला उठाया था। जिलों से मांग नहीं होने के बाद भी रीएजेंट सप्लाई किया गया और वह बिना उपयोग के एक्सपायरी हो गया। जिलों में की गई हरिभूमि की जांच में यह भी पाया गया कि जो सामग्री सप्लाई की गई उसका उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया ही नहीं जा सकता था क्योंकि उसके उपयोग के लिए मशीनें ही वहां नहीं थीं।

ये हैं जांच के बिंदु

स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा इंडेंट सम्मिलित सामग्री और उनकी मात्रा का औचित्य, इन सामग्रियों के उपयोग के लिए उपयुक्त मशीनों की स्थापना है कि नहीं, मशीनों के उपयोग एवं जांच के लिए टेक्नोलॉजिस्ट की उपलब्धता, कितने स्थानों पर टेस्ट किए जाने का प्रस्ताव था और उन स्थानों पर क्या उपकरण इंडेंट जारी करने के पूर्व स्थापित थे। जिन सामग्रियों के प्रदाय आदेश जारी किए गए क्या उनके भंडारण हेतु मानकों के अनुसार उचित व्यवस्था की गई। प्रदाय आदेश कब-कब जारी किए गए। आदेश की पुनरावृत्ति से पूर्व क्या पूर्व में प्रदाय आदेश के विरुद्ध सामग्रियां संबंधित एजेंसियों से प्रदाय की जा चुकी थी और क्या उनकी उपयोगिता सुनिश्चित कर ली गई थी। सामग्रियां सीजीएमएससी के स्टोर में कब-कब प्राप्त हुई। उन्हें निर्धारित प्रदाय स्थलों का जहां उनकी उपयोगिता थी, कब भेजी गई। वर्तमान में प्रदायित सामग्रियां कहां रखी गई हैं?

जांच के लिए कमेटी

स्वास्थ्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत केंद्रीय भंडार से प्रदत्त भंडार तथा कच्चा माल (रिएजेंट) की वार्षिक मांग एवं उनके विरुद्ध सीजीएमएससी द्वारा किए गए क्रय आदेश के विरुद्ध आपूर्ति की गई सामग्री एवं आपूर्ति की गई सामग्री के भंडारण, वितरण एवं उपयोग की विस्तृत जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति को नौ बिंदुओं में जांच का आदेश दिया गया है।

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