बहुचर्चित टीवी एंकर हत्याकांड : सलमा सुल्ताना केस में चार्जशीट दाखिल, पुलिस को मिल गए 64 गवाह 

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सलमा सुल्ताना हत्याकांड
पुलिस किसी केस को लेकर कितनी लापरवाह हो सकती है और किसी केस को हल करने की ठान ले तो किस हद तक जा सकती है, इस बात का सटीक उदाहरण है कोरबा का सलमा सुल्ताना हत्याकांड।

कोरबा। कोरबा के बहुचर्चित टीवी एंकर सलमा सुल्ताना हत्याकांड में पुलिस ने चार्ज शीट दाखिल कर दी है। जिला एवं सत्र न्यायालय में दाखिल चार्ज शीट में सलमा सुल्ताना के प्रेमी जिम ट्रेनर सहित तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि, इस मामले में पुलिस को 5 साल तक कोई सुराग नहीं मिला था, लेकिन अब 64 गवाह पुलिस को मिल गए हैं। उल्लेखनीय है कि, न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना की हत्या के इस मामले में जांच की शुरुआत गुमशुदगी की रिपोर्ट से हुई थी। सलमा कोरबा के एक लोकल केबल में न्यूज एंकर और रिपोर्टर का काम करती थी।

वह फिर कभी लौटकर घर नहीं आई
21 अक्टूबर 2018 को वह काम पर जाने के लिए कुसमुंडा थाना क्षेत्र स्थित अपने घर से कोरबा के लिए निकली, फिर लौटकर कभी घर नहीं पहुंची। वह अचानक ही लापता हो गई थी। हालांकि, उस वक्त शहर में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं। ऐसा भी कहा जा रहा था कि वह फिल्मी पर्दे पर भाग्य आजमाने के लिए मुंबई चली गई है। सलमा सुल्ताना के परिजन तब हैरान और परेशान हो गए, जब जनवरी 2019 में उसके पिता की मौत हो गई और वह न तो घर लौटी और न ही उसने परिवार की कोई खोज-खबर ली। इसके बाद परिजनों ने, उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कुसमुंडा थाने में दर्ज कराई।

युवा आईपीएस ने हाथ में लिया केस
वर्ष 2023 में युवा आईपीएस रॉबिन्सन गुरिया की पोस्टिंग नगर पुलिस अधीक्षक दर्री के पद पर हुई। उन्होंने कुसमुंडा पुलिस थाने के लंबित मामलों की समीक्षा शुरू की तो सलमा सुल्ताना की गुमशुदगी के बारे में उन्हें पता चला। उन्होंने पाया कि फाइल में सलमा सुल्ताना की तलाश की समय-समय पर औपचारिक सूचना दर्ज है, मगर वह मिली नहीं है। नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रॉबिन्सन गुरिया ने मामले को अपने हाथ में लेकर नए सिरे से जांच शुरू की।

होते चले गए चौंकाने वाले खुलासे
सलमा सुल्ताना केस की जांच आगे बढ़ी तो की चौंकाने वाले खुलासे होने के साथ ही यह भी पता चला कि सलमा सुल्ताना की 5 वर्ष पहले ही हत्या हो चुकी है और उसके शव को कोरबा-दर्री मार्ग में दफनाया जा चुका है। पुलिस ने संभावित स्थान पर शव की तलाश शुरू की, लेकिन इस समय तक इस मार्ग पर सिंगल सड़क की जगह कांक्रीट की फोरलेन सड़क बन चुकी थी। पुलिस ने थर्मल स्केनर और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार (जीपीआर) की मदद से शव खोजने का प्रयास किया।

कांक्रीट की सड़क खोदकर निकाली गई लाश
लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। मगर पुलिस के पास मौके पर शव दफन होने की पुख्ता जानकारी थी। लिहाजा उसने कांक्रीट की सड़क तोड़कर जांच को आगे बढ़ाने के लिए विधिवत रूप से अनुमति ली। जेसीबी और हालपेक मशीन से जमीन की खुदाई की गई तो बेडशीट में बांधकर दफनाई गयी सलमा सुल्ताना की लाश 22 अगस्त 2023 को बरामद हो गई। इसके बाद सिटी कोतवाली की मानिकपुर पुलिस चौकी में हत्या की नई एफआईआर दर्ज की गई और आगे की जांच की जिम्मेदारी एसआई प्रेमचंद साहू को सौंप दी गई। उधर, पुलिस जब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर पाती, तब तक वे फरार हो चुके थे। पुलिस ने सलमा सुल्ताना के हत्यारे ख़ास मित्र को हत्या में उसके सहयोगी कौशल श्रीवास और अतुल शर्मा के साथ शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया।

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जाँच पड़ताल

396 पन्नों का चार्जशीट दाखिल
अब इस चर्चित मर्डर केस की चार्जशीट जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा डी.एल. कटकवार की अदालत में पेश कर दिया गया है। प्रकरण के जांच अधिकारी प्रेमचंद साहू ने बताया है कि मामले में 396 पृष्ठ का चार्जशीट बनाया गया है। साक्ष्य के रूप में जांच प्रक्रिया की फोटो- वीडियो, मृतका और आरोपी की फेसबुक और मोबाइल हिस्ट्री, उनके फोटोग्राफ के साथ 64 गवाहों की सूची अदालत में दी गई है।
पुलिसिया लापरवाही और सजगता दोनो की मिसाल सलमा सुल्ताना मर्डर केस जहां शानदार पुलिसिंग की मिसाल बन गई है, वहीं पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान भी लगाता है, क्योंकि जिस मामले में पुलिस को 5 साल तक लापता सलमा सुल्ताना का कथित रूप से कोई सुराग तक नहीं मिला, उसी मामले में अब 64 गवाह भी मिल गये हैं।

korba
आरोपी
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