लोकसभा चुनाव का असर : प्रदेश में बिजली का नया टैरिफ इस बार जून से हो पाएगा लागू

New electricity tarif
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नए टैरिफ के लिए मार्च में जनसुनवाई हो चुकी है। अब नए टैरिफ की सारी प्रक्रिया को पूरा करने का काम नियामक आयोग में चल रहा है। इसमें भी समय लगेगा।

रायपुर। बिजली का नया टैरिफ इस बार तय समय एक अप्रैल से लागू नहीं हो पाया है। लोकसभा चुनाव के कारण नया टैरिफ इस बार चुनाव के नतीजे आने के बाद जून में ही जारी होगा। इसके पहले भी एक बार 2014 में लोकसभा चुनाव के कारण जून और एक बार 2021 में अगस्त में नया टैरिफ जारी हुआ था। नए टैरिफ के लिए मार्च में जनसुनवाई हो चुकी है। अब नए टैरिफ की सारी प्रक्रिया को पूरा करने का काम नियामक आयोग में चल रहा है। इसमें भी समय लगेगा। वैसे प्रदेश के करीब 50 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तो यह बड़ी राहत की बात है कि उनको नए सत्र में महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा, लेकिन बाकी वर्ग को महंगी बिजली का करंट जरूर लगना तय है।

पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को जो लेखा-जोखा भेजा है, उसमें उसको नए सत्र में 36 सौ करोड़ का फायदा तो हो रहा है, लेकिन पुराना घाटा 7775 करोड़ का होने के कारण कंपनी ने आयोग को घरेलू उपभोक्ताओं को छोड़कर बाकी वर्ग में घाटे की पूर्ति के लिए टैरिफ बढ़ाने की मांग रखी है। ऐसे में तय है कि बाकी वर्ग के लिए नए सत्र में बिजली महंगी हो जाएगी। अब नियामक आयोग अंतर की जो राशि मंजूर करेगा, उसके हिसाब से ही टैरिफ में बदलाव होगा।

कमाई से ज्यादा घाटा

पॉवर कंपनी ने 2024-25 के लिए जो याचिका लगाई है, उसमें पॉवर कंपनी ने जहां अपना खर्च 1799.46 करोड़ बताया है, वहीं कमाई 21616.77 करोड़ बताई है। ऐसे में 3626.31 करोड़ का फायदा हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुराना घाटा बहुत ज्यादा है। जहां पहले का घाटा करीब 4848.91 करोड़ का है वहीं पिछले सत्र में बताया गया 2924.53 करोड़ का भी घाटा है। कुल मिलाकर 8046.66 करोड़ का घाटा है। इसमें 3626.31 करोड़ की कमाई को कम करने के बाद भी 4420.35 करोड़ की कमी हो रही है।

आयोग तय करेगा टैरिफ

आयोग के पास याचिका लगने के बाद अब आयोग पहले वितरण कंपनी के साथ ही उत्पादन और ट्रांसमिशन कंपनी का भी पूरा लेखा-जोखा देखने के बाद तय करेगा कि कंपनी को वास्तव में खर्च के लिए कितने राजस्व की जरूरत है और उसको वास्तव में बिजली बेचने के कितना राजस्व मिलेगा। इसी के साथ पुराना घाटा कम करने के बाद वास्तव में उसकी पूर्ति के लिए कितने अतिरिक्त राजस्व की जरूरत पड़ेगी। इसमें आयोग अंतर की राशि की पूर्ति के लिए तय करेगा किस वर्ग के टैरिफ में कितना इजाफा होगा। आयोग पुराने घाटे को एक के स्थान पर इससे ज्यादा बार में भी पूरा करने का फैसला कर सकता है। ऐसा होने से टैरिफ में कम इजाफा होगा।

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