DMF घोटाला : ईडी बोली- 25 से 40% तक कमीशन वसूला गया, 5 से 6 सौ करोड़ रुपये की हुई अवैध उगाही

रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ मामले में हुई छापेमारी के बाद सोमवार को ईडी ने जानकारी साझा की है। जिसमें ईडी ने बताया कि, सिर्फ कोरबा में ही 2000 करोड़ रुपए की डीएमएफ की राशि खर्च हुई थी। जो कि, 25-40 परसेंट कमीशन के तहत तक़रीबन 500 से 600 करोड़ रुपये की अवैध उगाही की गई है। वहीं छापेमारी में ईडी ने 27 लाख रुपये भी जब्त किये हैं।
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वहीं महादेव सट्टा एप मामले में गिरफ्तार गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को विशेष कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। कोर्ट का कहना है कि, अल्टरनेट डे पर वकील दोनों आरोपियों से मुलाकात कर सकेंगे। दोनों आरोपी 11 मार्च तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे।
कोरबा में जनपद सीईओ के यहां पड़ा था छापा
दरसअल, कोरबा जिले में डीएमएफ घोटाले की जांच की आंच कोरिया जिले तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पहली बार कोरिया जिले के बैकुंठपुर पहुंची है। ईडी की टीम ने जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा के यहां छापेमारी की है। राधेश्याम मिर्झा बैकुंठपुर के जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह में निवास कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह ईडी के अधिकारी विश्राम गृह पहुंचे। उन्होंने जांच शुरू की है। राधेश्याम , बैकुंठपुर जनपद पंचायत के सीईओ थे। इसके पहले वे कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक में पदस्थ थे। कांग्रेस शासन में तीन वर्षों तक सीईओ रहने के दौरान डीएमएफ में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत है। यह राज्य की सबसे बड़ी जनपद पंचायत है, जहां 146 ग्राम पंचायतें हैं।
दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त
पोड़ी-उपरोड़ा जनपद पंचायत में डीएमएफ का काम उनके कार्यकाल में हुआ था। करोड़ो रूपये के फर्जीवाड़ा के आरोप है। खबर है कि डीएमएफ में अनियमितता को लेकर छापे की कार्रवाई की जा रही है।क्योंकि दूसरा कोई कारण सामने नहीं आया है। जनपद सीईओ राधेश्याम का पिछले दिनों सूरजपुर की प्रतापपुर जनपद में किया गया है लेकिन उन्होंने अभी पदभार ग्रहण नहीं किया है। अधिकारियों ने छापे को लेकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है। राधेश्याम मिर्झा कांग्रेस शासनकाल में प्रभावशाली अधिकारी रहे हैं। उनका मूल पद मंडल संयोजक का है फिर भी वे कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं। रसूखदार होने के साथ ही वसूली को लेकर वे विवादों में रहे हैं। ईडी की टीम दस्तावेज और डिजिटल उपकरण की जांच कर रही है।
