कोर्ट का स्थगन : नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन का पेंच

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नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव
निकायों में परिसीमन पर कोर्ट के स्थगन के चलते जानकारी निर्वाचन को नहीं मिली है। निर्वाचन आयोग ने समय पर जानकारी भेजने के निर्देश विभागीय सचिव को दिए हैं। 

रायपुर। राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। चुनाव के लिए परिसीमन और आरक्षण के मामले की समीक्षा की गई, जिसमें यह पाया गया कि कई निकायों में परिसीमन पर कोर्ट के स्थगन के चलते जानकारी निर्वाचन को नहीं मिली है। निर्वाचन आयोग ने समय पर जानकारी भेजने के निर्देश विभागीय सचिव को दिए हैं। उन्होंने पंचायत विभाग को भी इस संबंध में जल्द जानकारी उपलब्ध कराने कहा है। बताया जाता है कि परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया विभाग द्वारा पूरी करने के बाद ही चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है, ऐसे में अब चुनाव दिसंबर-जनवरी में ही होने की संभावना है।

पिछले समय निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण और परिसीमन को लेकर पूरी जानकारी अक्टूबर तक पूरी कर ली गई थी। अधिकांश निकायों में नवंबर में चुनाव पूरे हो गए थे। ऐसे में कहा जा रहा है कि जब तक पिछड़ा वर्ग का सर्वे और अन्य प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता। बताया जाता है कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूची तैयार करने में जुटा है। इधर राजनांदगांव, कवर्धा, कुम्हारी, बेमेतरा, तखतपुर में न्यायालय के स्थगन के कारण परिसीमन की जानकारी अप्राप्त है। ऐसे में निर्वाचन आयोग यहां पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाएगा। वहीं यहां पर परिसीमन के बाद ही वार्डवार आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होगी। ऐसे में निकाय चुनाव दिसंबर-जनवरी तक ही होने की संभावना है।

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निर्वाचन के दौरान खर्च का आकलन

नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अन्य तैयारियों और खर्च पर भी निर्वाचन का फोकस है। चुनाव के लिए अधिग्रहित किए जाने वाले वाहनों के किराए की दर, निर्वाचन में नियुक्त प्रेक्षकों का मानदेय, आम एवं उपचुनाव के लिए निर्वाचन संचालन के लिए नियोजित शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय की दरों पर भी विचार किया गया। साथ ही वाहन किराए के लिए वित्त विभाग की पूर्वानुमति से संबंधित भेजे गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

समन्वय से काम करने के निर्देश

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों से कहा, सभी विभाग आपसी समन्वय से काम करें। सही मतदाता सूची सबसे ज्यादा आवश्यक है। परिसीमन और आरक्षण की कार्रवाई समयसीमा में पूरी की जाए। चुनाव के लिए ये दोनों ही प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण होती हैं। चुनावी प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की नियमित समीक्षा की जाएगी।

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