आत्महत्या : पीएचक्यू में तैनात कंपनी कमांडर ने कनपटी पर गोली मारकर की खुदकुशी

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मृतक कंपनी कमांडर अनिल सिंह गहरवार
पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात सीएएफ के कंपनी कमांडर ने अपने सर्विस रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

रायपुर। पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात सीएएफ के कंपनी कमांडर ने अपने सर्विस रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी के कारणों की अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है। कंपनी कमांडर ने खुद को बैरक में बंद कर खुदकुशी की है। घटना की जानकारी बैरक में रहने वाले अन्य सीएएफ जवानों के पहुंचने के बाद मिली। खुदकुशी करने वाला कंपनी कमांडर मध्यप्रदेश के सतना का रहने वाला अनिल सिंह गहरवार बताया बटालियन दुर्ग में तैनात था।

घटना रविवार दोपहर के बाद की बताई जा रही है। जानकारी मिलने के बाद मौके पर फोरेंसिक एक्सटपर्ट की टीम पहुंची। मौके पर पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस खुदकुशी की वजह तनाव बता रही है। घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को पुलिस ने दी है। मृतक के परिजनों के पहुंचने के बाद सोमवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। कंपनी कमांडर अनिल सिंह की ड्यूटी पुलिस मुख्यालय के गेट नंबर-3 के पास लगाई गई थी। रविवार को अवकाश होने की वजह से अनिल सिंह ड्यूटी जल्दी समाप्त कर अपनी बैरक में पहुंच गया था।

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विवाद की वजह से सुसाइड

अनिल सिंह सीएएफ में आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। नक्सली का एनकाउंटर करने के बाद उन्हें प्रमोशन मिला था। सूत्रों के मुताबिक, मृतक का एपीसी के साथ पिछले सप्ताह जोरदार विवाद हुआ था। उसके बाद से अनिल अपने हाथ में क्रैप बैंडेज बांधकर घूम रहा था। इसे लेकर एपीसी ने अनिल पर तंज कसते हुए हाथ फैक्चर होने का बहाना कर क्रैप बैंडेज बांधने का आरोप लगाया। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होने की बात सामने आई है। विवाद के बाद एपीसी ने अनिल का स्थानांतरण नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कराने की धमकी दी थी। अनिल ने इसकी शिकायत आला अफसरों से की थी, लेकिन किसी ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण तनाव में आकर अनिल ने खुदकुशी कर ली, ऐसी बात सामने आ रही है। एसपी लाल उम्मेद सिंह ने परिजनों से पूछताछ करने के बाद कार्रवाई करने की बात कही।

कमरा नहीं खोला तो खिड़की से देखा

अनिल से साथ रहने वाले जवान बैरक में पहुंचकर दरवाजा खटखटाए तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद अनिल सिंह ने दरवाजा नहीं खोला, तब उसके साथियों ने खिड़की के अंदर झांककर देखा तो अनिल की लाश बेड के नीचे औंधे मुंह खून से लथपथ पड़ी मिली।

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