जांच न उधर और न इधर : हो जाइये सावधान त्योहार के साथ पार्सल से आ रहा नकली मावा 

fake mawa
X
छत्तीसगढ़ में कई शहरों के अलावा मप्र के इन शहरों से भी नकली मावा आता है, इसलिए अंदेशा गहरा गया है। 

ललित राठोड़ - रायपुर। त्योहारी सीजन का आगाज हो चुका है, ऐसे में मुंह मीठा कराने की परंपरा इस बार भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि रेलवे पार्सल की जांच का सिस्टम न इधर है और न उधर। बंद बोरी में नकली मावा आने का अंदेशा बना हुआ है। ग्वालियर समेत मप्र के कुछ शहरों में नकली मावा, दूध, पनीर समेत घी बनाने का कारोबार फूटता रहा है। छत्तीसगढ़ में कई शहरों के अलावा मप्र के इन शहरों से भी मावा आता है, इसलिए अंदेशा गहरा गया है।

रेलवे अफसरों का कहना है, अब सिस्टम बनाया जाएगा। इसकी कोशिश की जा रही है, यानी बंद बोरी में भी झांका जा सकेगा। देश के ग्रेड 'ए-1' स्टेशन में शामिल रायपुर में पार्सल बुकिंग के दौरान जांच का सिस्टम है, लेकिन ट्रेनों से जो सामान स्टेशन पहुंच रहा उसकी जांच फिलहाल रेलवे प्रशासन नहीं कर रहा है। अभी तक ऐसा कोई सिस्टम नहीं बन पाया है। बिल देखकर ही सामान की डिलीवरी होती है। वर्षों से इसी तरह काम चल रहा है। इसका ही फायदा नकली खोआ के कारोबारी उठा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें...एक प्रदेश, एक चुनाव : नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होंगे एक साथ

विभिन्न राज्यों के छोटे स्टेशनों में नहीं है स्कैनर मशीन

रायपुर में विभिन्न राज्यों से सामान पहुंचता है। हरिभूमि ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला सामान की जांच करने स्कैनर मशीन अब भी विभिन्न राज्यों के छोटे स्टेशनों में नहीं है। नकली खोवा, सिगरेट, शराब इसके अलावा अन्य प्रतिबंधित चीज ऐसे स्टेशनों से बुकिंग कराई जाती है। बिना जांच के सामान ट्रेन में चढ़ जाता है और जब सामान रायपुर पहुंचता है, उस समय भी इसकी जांच नहीं होती है। इस तरह बिना जांच के बड़ी आसानी से ट्रेनों के जरिए प्रतिबंधित को दूसरे राज्यों से रायपुर पहुंच जाता है। इसीलिए नकली मावा का खतरा बढ़ गया है।

सिस्टम की कमजोरी से गांजा भी

आमतौर पर ओडिशा से रायपुर रेल मार्ग पर ज्यादातर लोग मछलियों का कारोबार करते हुए ओडिशा से रायपुर माल ले जाते हैं। बोरे में बंद मछलियों की गंध पूरे बोगी में रहती है। आमतौर पर जवान इन बोरियों की सही तरह से जांच नहीं करते। जानकारी के अनुसार ओडिशा की ओर से ही रायपुर के लिए बड़े पैमाने पर गांजा की तस्करी की जाती है। पुलिस ज्यादातर सड़क मार्ग के ही तस्करों को पकड़ती हैं, जबकि रेल मार्ग पर ध्यान नहीं दे रही है। जांच का सिस्टम नहीं होने से बड़ी आसानी से पार्सल के जरिए गांजे की तस्करी की जा सकती है।

इसे भी पढ़ें...एयर इंडिया विमान को उड़ाने की धमकी : छत्तीसगढ़ के नाबालिग लड़के ने किया था ट्वीट, मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार

रेलवे में मैनपावर की कमी

ट्रेनों से पहुंच रहे सामान की जांच करने रेलवे में मैनपावर की कमी है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि जिस तरह जांच बुकिंग की तरह होती है वैसी ही ट्रेनों से सामान उतारने के बाद भी होनी चाहिए। इसके लिए रायपुर मंडल सिस्टम तैयार रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हजारों की संख्या में सामान रोजाना पहुंच रहा है। सभी सामान की जांच करने के लिए मैनपावर की भी आवश्यकता होगी। रेलवे चाहता है कि लोगों को समय पर उनका सामान मिल जाए। वर्तमान में रेलवे बुकिंग के दौरान सामान जांच करने के लिए लोगों से पैसा वसूल रहा है, जबकि जांच की जिम्मेदारी रेलवे की है।

सिस्टम तैयार कर रहे हैं

डीसीएम सीनियर अवधेश कुमार त्रिवेदी ने बताया कि, वर्तमान में ट्रेनों के जरिए जो सामान रायपुर पहुंच रहा है, उसकी जांच करने हमारे पास मशीन नहीं है। इसके लिए मैन पावर बढ़ाने की आवश्यकता है। बुकिंग के दौरान सामान की जांच होती है। अब सिस्टम तैयार किया जा रहा है कि जिससे ट्रेनों से जो सामान पहुंच रहा है उसकी यहां जांच हो सके।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story