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संस्कृत बोर्ड की प्रवीण्य सूची में गड़बड़ी करने वालों को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। 

रायपुर- संस्कृत बोर्ड की प्रवीण्य सूची में गड़बड़ी करने वालों को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। हरिभूमि.डॉट.कॉम के खुलासे के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। संस्कृत विद्यामंडल की सचिव अलका दानी की प्रतिनियुक्ति समाप्त हो गई है। परीक्षा प्रभारी रहे सहायक संचालक लक्ष्मण प्रसाद साहू को निलंबित कर दिया गया है। 

उच्चस्तरीय कमेटी का किया गठन

संस्कृत विद्या मंडल की स्टेनो, डाटा एंट्री ऑपरेटर संतोष ठाकुर, लिपिक परमेश्वर दयाल चौबे को बर्खास्त किया गया है। इसके अलावा गड़बड़ियों की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच करने के 1 सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन मांगा गया है। 

24 घंटे में मांगी थी रिपोर्ट 

बगैर परीक्षा दिलाए छात्रों के टॉप करने और एक ही छात्र की उत्तरपुस्तिकाओं में भिन्न-भिन्न हेंडराइटिंग होने संबंधित खुलासे के बाद स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले को लेकर सोमवार दोपहर मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई। बैठक में शिक्षा विभाग और संस्कृत बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए। शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। वहीं रायगढ़ जिला शिक्षा अधिकारी ने दीपांशु संस्कृत स्कूल पहुंचकर जांच शुरू की है। दीपांशु संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औरदा सहित जिन केंद्रों की उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन पर भी गाज गिर सकती है। 

दोषियों पर कार्रवाई करने के कहा गया था 

शिक्षा सचिव ने अधिकारियों को जल्द से जल्द पूरे मामले की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने कहा गया है। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा रविवार को ही मेरिट लिस्ट निरस्त किए जाने संबंधित घोषणा की जा चुकी है। स्कूल में पेपर रखे जाते थे. नियमानुसार उन्हें थाने में रखा जाना था। छात्र संगठनों को इसकी खबर मिल गई थी बाकायदा शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तीन माह पहले फरवरी में जब संस्कृत मंडलम के दसवीं बोर्ड के प्रश्न पत्र सरकारी सुरक्षा में ना रखकर सीधे स्कूल संचालक की निगरानी में देने के मामले में एसडीएम से शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

तलब होंगे अधिकारी

सूत्रों के अनुसार, स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, वहां के प्राचार्य से भी पूछताछ होगी। सरकार इस पर विचार कर रही है कि संस्कृत बोर्ड के परीक्षा संबंधी कार्य माध्यमिक शिक्षा मंडल को सौंप दिए जाएं। साथ ही इस कांड में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी संभावना है।
शासन भी एक्शन मोड में

सिस्टम को खराब करने की कोशिश

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि, जो सिस्टम को खराब करने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम जांच करवाएंगे। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

कठोरता से हो जांच 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने बताया कि, बगैर परीक्षा दिलाए किसी छात्र का टॉप करना गंभीर मामला है। अलग- अलग विषयों में अलग हैंडराइटिंग मिलना भी संगीन है। इस मामले की कठोरता से जांच होनी चाहिए। 

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