गैरजिम्मेदारी : आंबेडकर अस्पताल की व्हील चेयर में 'फ्रैक्चर' पट्टियां बांधकर पायदान बनाकर चला रहे काम

Ambedkar Hospital
X
अस्पताल में घूसते ही स्ट्रेचर और व्हील चेयर को लेकर परेशानी
आंबेडकर अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। काफी पुरानी हो चुकी व्हील चेयर, पहिए जाम, कुर्सियां टूट चुकीं,गिर-पड़ रहे मरीज।

विकास शर्मा - रायपुर। राज्य के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में आने वाले मरीजों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी मोहताज होना पड़ रहा है। काफी पुराने होने की वजह से ये कई जगह से जर्जर होकर टूट रहे हैं, जिस पर पट्टियां बांधकर काम चलाना पड़ रहा है। व्हील चेयर के पहिए जाम हो चुके हैं, लगी कुर्सियां टूट चुकी हैं, जिससे मरीज के गिरने पड़ने की शिकायत भी आ रही है। आंबेडकर अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी में दो हजार मरीज इलाज करवाते हैं। अस्पताल पहुंचने वाले कई मरीज गंभीर स्थिति में होते हैं, जिन्हें संबंधित विभाग से लेकर जांच कक्ष तक ले जाने के लिए व्हील चेयर की आवश्यकता होती है। सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में मरीजों के लिए करीब तीन दर्जन व्हील चेयर मौजूद हैं, मगर ज्यादातर गंभीर बीमारी से पीड़ित नजर आती हैं।

Ambedkar-Hospital

व्हील चेयर के पायदान टूट चुके हैं, जिसके स्थान पर बंधी पट्टियों से मरीजों के पैर रखने का सहारा है। मरीजों के बैठने के लिए जो व्हील चेयर में जो व्यवस्था की गई है, वे बेहद कमजोर होकर टूटने के कगार पर आ चुकी है। ज्यादातर व्हील चेयर के पहिए टूट चुके हैं अथवा दो चक्कों की मदद से चल रही हैं। मरीजों को जांच के लिए टूटने के कगार पर आ चुकी व्हील चेयर में बिठाकर ले जाना मरीजों के परिजनों को मजबूरी हो चुकी है। कई बार व्हील चेयर साथ भी छोड़ देती हैं, मरीजों के गिरने पड़ने चोटिल होने के मामले भी सामने आते रहते हैं।

दान में मिली ज्यादातर व्हील चेयर

सूत्रों के मुताबिक आंबेडकर अस्पताल के पास मौजूद ज्यादातर व्हील चेयर किसी संस्था अथवा व्यक्ति द्वारा मरीजों की मदद के लिए दान में दी गई है, जिनकी ठीक तरह के देखरेख नहीं हो पा रही है। इन्हें अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी गेट के पास रखने का नियम है, मगर उपयोग के बाद परिजन भी उसे इधर-उधर छोड़ देते हैं, जिसकी वजह से कई बार जरूरतमंदों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।

परिजनों की जिम्मेदारी

सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा पाने वाले मेकाहारा में अभी भी व्हील चेयर के साथ स्ट्रेचर खींचने की जिम्मेदारी परिजनों की होती है। अस्पताल में इसके लिए वार्ड ब्वाय तो तैनात है, मगर उनकी संख्या बेहद कम होने की वजह से अन्य कार्यों में ही उनकी व्यवस्तता रहती है। अस्पताल प्रबंधन इस परेशानी से वाकिफ है, मगर उसके द्वारा केवल मैन पॉवर की कमी का रोना रोया जाता है।

बुनियादी सुविधा बढ़ाने की जरूरत

आंबेडकर अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए जांच मशीनों के साथ बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही है। व्हील चेयर के साथ वहां मौजूद स्ट्रेचर की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ कई विभागों में मरीजों के लिए लगाए गए बेड भी काफी पुराने हो चुके हैं, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है।

मरम्मत के निर्देश दिए

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने बताया कि, टूटे-फूटे व्हील चेयर और स्ट्रेचर की मरम्मत के निर्देश दिए गए है। लगातार उपयोग और पुराने होने की वजह से उनके खराब होने की शिकायत आ रही है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story