आधा-अधूरा निर्माण : सालभर में नहीं बन पाया छोटा सा बांध, आधा-अधूरा बनाकर ठेकेदार लापता

A small dam could not be built in a year
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सालभर में नहीं बन पाया छोटा सा बांध
सालभर में एक छोटा सा पानी रोकने का बांध जैसा निर्माण होना है। लगभग तीन करोड़ इसकी लागत है, लेकिन इसके पूरा ना होने से किसान चिंतित हैं।

छन्नू खंडेलवाल-मांढर। छत्तीसगढ़ के मांढर विकासखंड के ग्राम बरबंदा में एक एनीकट बन रहा है। जल संसाधन विभाग किसानों के खेतों को सिंचाई करने के लिए 2 करोड़ 94 लाख रुपए का मिनी वाटर डैम का निर्माण कर रहा है। यह काम पिछले 1 साल से चल रहा है, लेकिन अब तक आधा-अधूरा पड़ा है। इस काम का ठेका रायपुर के एक ठेकेदार को दिया गया है। लेकिन आधा-अधूरा निर्माण कर ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया है। जनप्रतिनिधि, विभाग और लोग ठेकेदार के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन ठेकेदार के गोल-मोल जवाब से लोगों में नाराजगी है।

Aniket

पिछले साल 2023 में जल संसाधन विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के द्वारा विधिवत पूजा-पाठ कर इसकी शुरुआत की गई थी। लेकिन ठेकेदार ने आधे-अधूरे निर्माण कार्य करवा कर यह कह कर छोड़ दिया कि, बारिश के बाद बचे हुए कार्य को पूर्ण किया जाएगा। लेकिन बरसात खत्म हुए लगभग 4 महीने बीत चुके हैं। एक महीने के बाद गर्मी भी शुरू होने वाली है। लेकिन अब तक ठेकेदार द्वारा बचे हुए कार्य को नही किया जा रहा है। सरपंच जितेंद्र कुमार पटेल द्वारा ठेकेदार को बचे हुए काम को शुरू करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन ठेकेदार द्वारा गोल मटोल जवाब देकर टाल-मटोल कर रहा है।

800 एकड़ खेत होंगे सिंचित

Half-incomplete construction

आपको बता दें कि, जिस जगह पर मिनी डैम का निर्माण किया जा रहा है। वहां पर अगल-बगल में दो बड़े-बड़े बांध तालाब है। इसी से लगा हुआ एक नाला है जो छपोरा लालपुर नेऊरडीह बरबंदा टोर होते हुए बोहरही नल में मिला हुआ है। बरसात का पानी स्टोर रखने के लिए सिंचाई विभाग ने बरबंदा में मिनी डैम का निर्माण कराया जा रहा है। इस डैम के निर्माण से लगभग 800 एकड़ खेत संचित होगी जिसका फायदा में किसानों को मिलेगा।

कार्यस्थल पर सूचना बोर्ड तक नहीं

बड़ी लागत से हो रहे निर्माण कार्य में विभाग के अधिकारियों द्वारा किस तरह लापरवाही व मनमानी की जा रही है। इसका उदाहरण इसी से समझा जा सकता है कि, निर्माण संबधी किसी तरह का सूचना बोर्ड वहां नही लगाया गया है। जबकि डैम निर्माण में अगल-बगल के दोनों तालाबों का गहरीकरण होना है। खेतों में पानी पहुंचाने के लिए नाली निर्माण व तालाब के चारों तरफ पत्थर से जोड़ाई होना बाकी है।

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