Khel Ratna Award: खेल रत्न नॉमिनेशन में मनु भाकर से हुई गलती, कहा- मेरा टारगेट अवॉर्ड नहीं; जानें अब क्या होगा?

Manu Bhaker on Khel Ratna Award
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खेल रत्न अवार्ड पर क्या बोलीं मनु भाकर
Khel Ratna Award: खेल रत्न अवार्ड के लिए नॉमिनेट नहीं होने पर भारतीय निशानेबाज मनु भाकर का बयान आया है।

Khel Ratna Award: भारतीय निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhakar) को खेल खत्म अवार्ड के लिए नहीं चुनी गई। खुद मनु भाकर ने इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार 24 दिसंबर को एक्स पर लिखा- शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 2 कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था।

मनु से हुई कोई गलती
मनु ने एक्स पर लिखा- सबसे प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन के मुद्दे पर काफी चर्चा हो रही। मैं साफ करना चाहती हूं कि एक एथलीट के रूप में मेरी भूमिका अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है। मुझे लगता है कि नामांकन दाखिल करते समय शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है।

खेल मंत्रालय की तरफ से आया बयान
खेल मंत्रालय ने मनु भाकर के मामले पर कहा कि अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।

मनु के पिता राम किशन क्या बोले
मनु भाकर के मामले में आज मंगलवार को ही उनके पिता रामकिशन भाकर का बयान भी आया है। उन्होंने कहा- पुरस्कार के लिए अपना नाम ऑनलाइन पोर्टल में जमा किया था फिर भी 30 नामों की शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने में विफल रहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में मनु भाकर के पिता ने खेल मंत्रालय और खेल रत्न नामांकितों की सूची को अंतिम रूप देने वाली समिति पर तीखी टिप्पणी की।

मंत्रालय ने कहा कि मनु ने पुरस्कार के लिए अपना नाम नहीं सौंपा था, लेकिन इस स्टार निशानेबाज ने और उनके पिता ने इसका खंडन किया है। राम किशन ने कहा- मुझे उन्हें निशानेबाजी के खेल में जाने के लिए प्रेरित करने का पछतावा है। मुझे इसके बजाय मनु को क्रिकेटर बनाना चाहिए था। फिर सभी पुरस्कार और प्रशंसा उन्हें मिल जाती। उन्होंने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीते, उनसे पहले किसी भारतीय ने ऐसा नहीं किया है। आप मेरे बच्चे से देश के लिए और क्या करने की उम्मीद करते हैं? सरकार को उनके प्रयासों को मान्यता और तवज्जो देनी चाहिए। मैंने मनु से बात की और वह इन सब से निराश हो गई हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ओलंपिक में जाकर देश के लिए पदक नहीं जीतने चाहिए थे। मनु ने मुझसे कहा कि उन्हें एक एथलीट नहीं बनना चाहिए था।

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