IND vs PAK: जिसके कंधों पर एशिया कप की जिम्मेदारी, वो खुलेआम कर रहा हारिस को सपोर्ट, जुर्माने पर दिया बड़ा ऑफर

Mohsin naqvi to pay haris rauf fine
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एसीसी के चेयरमैन मोहसिन नकवी हारिस रऊफ का जुर्माना भरेंगे। 

हारिस रऊफ और सूर्यकुमार यादव पर मैच फीस का 30 फीसदी जुर्माना लगाया गया। पीसीबी और एसीसी चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने रऊफ़ का जुर्माना अपनी जेब से भरने का फैसला किया।

Haris rauf icc fine: एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान हारिस रऊफ़ की विवादित सेलिब्रेशन पर बड़ा अपडेट आया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और एशियन क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने फैसला किया है कि वह रऊफ़ पर लगे जुर्माने की रकम अपनी जेब से चुकाएंगे।

दरअसल, बीते हफ्ते भारत के खिलाफ सुपर-4 राउंड के मैच में हारिस रऊफ और भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगा था। दोनों खिलाड़ियों पर मैच फीस का 30 फीसदी जुर्माना लगाया गया। वहीं, पाकिस्तान के बल्लेबाज साहिबजादा फरहान को गन सेलिब्रेशन मामले में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

क्या किया था रऊफ ने?

हारिस रऊफ ने भारत के खिलाफ मैच के दौरान ऐसे इशारे किए, जिन्हें प्लेन गिराने से जोड़ा गया। माना गया कि वह मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़प के दौरान पड़ोसी मुल्क के उस दावे की तरफ इशारा कर रहे थे, जिसमें पाकिस्तान ने भारत के 6 प्लेन गिराने की बात कही थी। हालांकि रऊफ़ का कहना है कि उनका इशारा राजनीतिक नहीं था। इसके बावजूद मैच रेफरी ने उनकी हरकत को उकसाने वाला और आक्रामक माना था।

वहीं साहिबजादा फरहान ने अर्धशतक पूरा करने के बाद बंदूक चलाने जैसे इशारे किए। उन्होंने सफाई दी कि यह उनके पश्तून समुदाय की पारंपरिक खुशी जताने की शैली है।

सुनवाई में क्या हुआ?

मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने दोनों पाकिस्तानी खिलाड़ियों की सुनवाई दुबई के होटल में की। इस दौरान टीम मैनेजर नावेद अख्तर चीमा भी मौजूद रहे। रऊफ़ और फरहान ने लिखित जवाब भी दिए लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ा।

BCCI ने भी जताई नाराज़गी

सिर्फ पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर ही नहीं, सूर्यकुमार यादव पर भी जुर्माना लगाया गया क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने के बाद अपनी जीत भारतीय सेना और पहलगाम आतंकी हमले अपनी जान गंवाने वालों को समर्पित की थी। इस पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई और शिकायत दर्ज कराई थी।

बीसीसीआई इस फैसले से खुश नहीं है और उसने अपील दायर की है। बोर्ड का कहना है कि अगर अपने कप्तान का बचाव भी न कर पाए तो यह संगठन के लिए बेहद खराब संदेश होगा।

आईसीसी का रुख

टूर्नामेंट के अंत तक आईसीसी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं करेगा। वजह यह है कि मामला बेहद संवेदनशील है और किसी भी पक्ष को भड़काना नहीं चाहता।

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