WC Final: दादी ने क्रिकेटर बनाने में सब झोंका, वर्ल्ड कप के दौरान पड़ा दिल का दौरा; अब पोती ने पूरा किया सपना

amanjot kaur womens world cup 2025 final
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अमनजौत कोर ने महिला विश्व कप फाइनल में शानदार कैच पकड़ा। 

Women World cup final: भारत ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप जीता। अमनजोत कौर ने फाइनल में लॉरा वूल्वार्ट का अहम कैच लेकर मैच पलट दिया। टूर्नामेंट के दौरान उनकी दादी को दिल का दौरा पड़ा था लेकिन परिवार ने अमनजोत से ये बात छुपाई थी।

Women World cup final: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार रात नवी मुंबई में इतिहास रच दिया। महिला विश्व कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वनडे विश्व कप जीता। इससे पहले, टीम 2 बार फाइनल में पहुंचीं थी लेकिन खिताब से चूक गई थी लेकिन इस बार भारत चैंपियन बन गया। इस जीत के पीछे एक ऐसा जज्बा छिपा था, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं, वो है ऑलराउंडर अमनजोत कौर का।

फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन बनाए थे। शेफाली वर्मा ने 87 रन की शआनदार पारी खेली थी। जवाब में साउथ अफ्रीका ने जबरदस्त टक्कर दी लेकिन पूरी टीम 246 रन पर ढेर हो गई। इस मुकाबले में शफाली ने दो विकेट भी लिए और प्लेयर ऑफ द मैच बनीं। लेकिन असली मोड़ तब आया, जब अमनजोत ने मैदान पर वो कैच पकड़ा, जिसने मैच की दिशा ही बदल दी।

अमनजोत ने कैच नहीं वर्ल्ड कप लपका

साउथ अफ्रीका की कप्तान लॉरा वूल्वार्ट 101 रन पर खेल रहीं थीं और जीत की उम्मीद उन्हीं पर टिकी थी। तभी अमनजोत ने उनका कैच लपका। एकबारगी लगा कि अमनजोत के हाथ से कैच फिसल गया क्योंकि पहली बार वो गेंद को दबोच नहीं पाईं थी। बॉल उनके हाथ से छिटककर नीचे गिरने वाली थी लेकिन तीसरी कोशिश में उन्होंने एक हाथ से कैच पकड़ लिया। इसके बाद मैदान तालियों से गूंज उठा और भारत की जीत लगभग तय हो गई। लेकिन जीत के बाद जो कहानी सामने आई, उसने हर फैन का दिल छू लिया।

वर्ल्ड कप के दौरान दादी को आया था हर्ट अटैक

अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह ने बताया कि वर्ल्ड कप के दौरान उनकी मां, यानी अमनजोत की दादी भगवंती देवी को दिल का दौरा पड़ा था लेकिन परिवार ने ये बात अमनजोत से छिपाई ताकि वो पूरी तरह खेल पर ध्यान दे सके।

अमनजोत को क्रिकेटर बनाने में दादी का बड़ा हाथ

अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह ने बताया, 'मेरी मां ही अमनजोत की ताकत रही हैं। जब वो मोहाली के पार्क में लड़कों के साथ खेलती थी, मां हर दिन उसे देखने बैठ जाती थीं। वो तबतक बैठी रहतीं थी जब तक वो खेलती रहती थी। इसके लिए मां ने न दिन देखा और न रात। इस बार मां अस्पताल में थीं, और हम उसे कुछ नहीं बता सके। लेकिन अब उनकी हालत बेहतर है, और भारत की ये जीत हमारे लिए मरहम की तरह है।'

अमनजोत ने मैच के बाद कहा, 'वो कैच बहुत जरूरी था। पहली बार लगा कि ज़िंदगी में दूसरा मौका मिलना कितना बड़ा होता है। हमने इतिहास बनाया है और ये तो बस शुरुआत है भारतीय क्रिकेट अब अगले स्तर पर जाएगा।'

यह जीत न सिर्फ ट्रॉफी की थी, बल्कि उस हिम्मत, समर्पण और परिवार के त्याग की भी थी, जिसने भारत को विश्व चैंपियन बनाया।

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