Former ISRO chief K Kasturirangan passes away: इसरो के पूर्व अध्यक्ष कस्तूरीरंगन का निधन, 84 की उम्र में ली आखिरी सांस

Former ISRO chief K Kasturirangan passes away: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख निर्माता डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का शुक्रवार (25 अप्रैल) को बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सुबह अपने निवास पर अंतिम सांस ली।
27 अप्रैल को उनके पार्थिव शरीर को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। कस्तूरीरंगन ने न सिर्फ इसरो के प्रमुख के रूप में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी अहम भूमिका निभाई।
पीएम मोदी ने जताया दुख
कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ''राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रारूपण के दौरान और भारत में शिक्षा को अधिक समग्र और दूरदर्शी बनाने के लिए डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रयासों के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा।''
I am deeply saddened by the passing of Dr. K. Kasturirangan, a towering figure in India’s scientific and educational journey. His visionary leadership and selfless contribution to the nation will always be remembered.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2025
He served ISRO with great diligence, steering India’s space… pic.twitter.com/GPdFKPU7b5
JNU के कुलाधिपति भी रह चुके थे कस्तूरीरंगन
कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर भी कार्य किया था। वह राज्यसभा सदस्य (2003-09) और योजना आयोग के सदस्य भी रहे।
एक खगोल भौतिक विज्ञानी के रूप में कस्तूरीरंगन ने एक्स-रे, गामा-रे और ऑप्टिकल खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध कार्य किया। उन्होंने ब्रह्मांडीय विकिरण और पृथ्वी के वायुमंडल पर उनके प्रभाव पर गहन अध्ययन किया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को उनके नेतृत्व में मिली सफलताएं हमेशा याद रखी जाएंगी।
