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Gyanesh Kumar and Sukhbir Singh Sandhu take charge: 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संधू 31 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव पद से रिटयार हुए। जबकि सुखबीर सिंह संधू, उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव थे।

Gyanesh Kumar and Sukhbir Singh Sandhu take charge: नवनियुक्त चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने शुक्रवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। गुरुवार, 14 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने दोनों को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संधू 31 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव पद से रिटयार हुए। जबकि सुखबीर सिंह संधू, उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव थे। इससे पहले 9 मार्च को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया था। 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समिति की मीटिंग में शामिल थे। मीटिंग के बाद जब वे बाहर आए तो उन्होंने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का खुलासा किया था। हालांकि सरकार द्वारा रखे गए संधू और ज्ञानेश कुमार के नामों पर असहमति जताई। चौधरी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं।

अधीर रंजन बोले- 10 मिनट पहले 6 नाम दिए गए
अधीर रंजन ने कहा कि सरकार के पास चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली समिति में बहुमत है। पहले, उन्होंने मुझे 212 नाम दिए थे, लेकिन नियुक्ति से 10 मिनट पहले उन्होंने मुझे फिर से सिर्फ छह नाम दिए। मुझे पता है कि सीजेआई वहां नहीं हैं। सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि सीजेआई हस्तक्षेप नहीं करते हैं और केंद्र सरकार एक अनुकूल नाम चुन सकती है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह मनमानी प्रक्रिया है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं। 

Election Commissioners Gyanesh Kumar and Sukhbir Singh Sandhu
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ नव नियुक्त कमिश्नर सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार।

सरकार ने बीते वर्ष नियुक्ति को लेकर पेश किया था विधेयक
ज्ञानेश कुमार फरवरी में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए, जबकि सुखबीर सिंह संधू, उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव थे। 12 दिसंबर को राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पारित किया था। जिसमें प्रावधान है कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी, जिसमें प्रधान मंत्री, एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता या सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होंगे। 

नए चुनाव आयुक्त के सामने पहला काम इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों का सफल संचालन सुनिश्चित करना होगा।

 

 

 

 

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