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DY Chandrachud Highlights India Legislative Evolution: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ दिल्ली में 'आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

DY Chandrachud Highlights India Legislative Evolution: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक न्याय कानूनों को समाज के लिए ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने शनिवार, 20 अप्रैल को कहा कि मुझे लगता है कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानूनों का संसद द्वारा पास होना स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है, भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर वोटर्स से अपील की। कहा कि मतदान करने के अवसर से कोई भी नागरिक चूकना नहीं चाहिए। 

कानून तब सफल होंगे, जब हम इसे स्वीकार कर लेंगे
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार को दिल्ली में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जिसका विषय 'आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ' रखा गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए कानून तब सफल होंगे, जब हम इसे स्वीकार कर लेंगे। नए कानूनों ने आपराधिक न्याय पर भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है। 

सीजेआई ने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा और अपराधों की जांच के लिए यह बदलाव बेहद जरूरी था। जिस तरह संसद ने नए कानूनों पर मुहर लगाया, यह इस बात का संकेत है कि देश बदल रहा है। देश आगे बढ़ रहा है। मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनी उपायों की आवश्यकता है। 

पिछले साल 21 दिसंबर को मंजूर हुए थे कानून
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी से बदलने के लिए तीन नए कानून लेकर आई। ब्रिटिश काल से चल रहे आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह सरकार भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेकर आई। इसे संसद के दोनों सदनों से पास कराया गया। पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दी थी। यह तीनों कानून एक जुलाई 2024 से लागू होंगे। 

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