Sandeshkhali violence:संदेशखाली हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता सरकार को फटकार, कहा- अगर यह 1% भी सच, तो 100% शर्मनाक

Sandeshkhali Case
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Sandeshkhali violence: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को  संदेशखाली हिंसा पर सुनवाई की।कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि "अगर यह सच है तो बेहद शर्मनाक" है। 

Sandeshkhali violence: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को संदेशखाली हिंसा पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने संदेशखाली हिंसा मामले से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना की।अदालत ने कहा कि "अगर यह 1 % भी सच है तो 100 % गलत" है। कोर्ट ने इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली सरकार को उसकी भूमिका के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पूरी तरह से सरकार की जिम्मेदारी है।

अगर एक एफिडेविट भी सच साबित हुए तो पूरा प्रशासन जिम्मेदार
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली पीठ ने संदेशखली में जबरन वसूली, भूमि हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच से जुड़े हलफनामे पर सुनवाई की।कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर मुख्य आरोपी शेख शाहजहां पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो सरकार जवाबदेही से बच नहीं सकती। सच हो। भले ही एक एफिडेविट भी सही साबित हो, यह शर्मनाक है। अगर यह एक फीसदी भी सच है तो यह बिल्कुल शर्मनाक है। अगर एक एफिडेविट भी सही साबित होता है तो भी यह पूरे जिला प्रशासन और सत्ताधारी दल की 100 फीसदी नैतिक तौर पर जिम्मेदार होगा।

कोर्ट ने शेख शाहजहां के वकील को भी लगाई फटकार
अदालत ने शेख शाहजहां के वकील को भी फटकार लगाई। शेख शाहजहां को मामला दर्ज होने के लगभग दो महीने बचने के बाद 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। देरी से गिरफ्तारी के कारण बंगाल सरकार की आलोचना हुई। इस मामले में उच्च न्यायालय को राज्य को एक स्पष्ट आदेश जारी करना पड़ा। अदालत के आदेश के बावजूद शेख शाहजहां की हिरासत कोर्ट को सौंपने में 24 घंटे से ज्यादा की देरी की गई। सीबीआई की टीम को पुलिस मुख्यालय में करीब पांच घंटे तक रोककर रखा गया।

'आंखें बंद कर लेते हैं, दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता'
मुख्य न्यायाधीश ने शाहजहां शेख के वकील से कहा, कि आप 55 दिन तक भागे हुए थे, लुका-छिपी खेल रहे थे। फिर आपने अस्पष्ट रुख अपना लिया। (सिर्फ इसलिए कि) आप अपनी आंखें बंद कर लेते हैं, दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता। शाहजहां के वकील ने जवाब दिया: "मुझे फरार बता दिया गया जबकि मेरी जमानत याचिका लंबित थी। अदालत ने आखिरी में इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पिछली सुनवाई में अदालत ने बंगाल पुलिस को "पूरी तरह से पक्षपाती" बताया था।

गुरुवार की याचिका में कोर्ट को दिए गए दो सुझाव
गुरुवार को दायर की गई याचिका में कहा गया कि इस मामले की जांच अदालत द्वारा नियुक्त आयोग के माध्यम से या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के माध्यम से करने की इजाजत दी जाए, ताकि संदेशखाली की महिलाओं को बिना किसी डर के अपनी शिकायतें करने की इजराजत मिल सके। याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने में आ रही दिक्कतों का भी जिक्र किया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुईं प्रियंका टिबरेवाल
प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि मैं संदेशखाली गई गई हूं। वहां की महिलाओं के लिए कोलकाता आना बोझिल है। मैंने उनके लिए इसे आसान बनाने के लिए एक वेबसाइट बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने अदालत के जवाब में कहा, "सुझाव एक आयोग बनाने का है जहां लोग संपर्क कर सकते हैं और अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। दूसरा सुझाव यह है कि इसमें एनएचआरसी को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा इस मामले में कमीशन की दखल और शिकायत के लिए वेबसाइट बनाना, दोनों काम किया जा सकता है।

प्रियंका टिबरेवाला ने कोर्ट को बताई संदेशखाली की स्थिति
मैं वहां अकेली गई थी। मैंने देखा है कि वहां कानून का राज खत्म हो चुका है। (यह) कोई राजनीतिक राय नहीं है। जमीन भी हड़प ली गई। यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है। टिबरेवाल ने यह भी कहा कि कई महिलाओं ने मुझे शिकायत की , लेकिन उनसे बाद में बदला लिया जाएगा इस बात से डर कर वह आरोपियों का नाम बताने से बच रही हैं। उन्होंने दावा किया कि एक महिला अपने पिता से मिलने गई थी। उसे दिन के उजाले में अगवा कर लिया गया और (शेख) शाहजहां और अन्य कार्यकर्ताओं ने उसके साथ दुष्कर्म किया गया।

शेख शाहजहां फिललहाल सीबीआई की हिरासत में
बता दें कि शेख शाहजहां के खिलाफ मामला फिलहाल केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के पास है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि शेख शाहजहां मामले में अस्थायी रूप से 12.78 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की गई है।पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली करीब दो महीने से राजनीतिक विवाद में फंसा हुआ है। इस मामले में स्थानीय टीएमसी नेता, शेख शाहजहां मुख्य आरोपी है। संदेशखाली की महिलाओं ने शेख शाहजहां के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे।

आरोप लगाने वाली महिला को बीजेपी ने दिया टिकट
बीजेपी ने शाहजहां पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं में से एक - रेखा पात्रा को बशीरहाट सीट से उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। इसी सीट के अंतर्गत संदेशखाली भी आता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने पात्रा से टेलीफोन पर बात की थी। पीएम ने पात्रा को "शक्ति स्वरूपा" बताया था। पात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे बात की। उन्होंने हमें बिल्कुल भगवान राम की तरह आशीर्वाद दिया।

पीड़ितों ने की थी राष्ट्रपति मूर्मू से मुलाकात
संदेशखाली की पांच महिलाओं सहित हिंसा के शिकार 11 पीड़ितों ने 15 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। अपनी समस्याओं को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा। पीड़ितों में 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल थे। सभी ने संदेशखाली की समस्या को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा है। राष्ट्रपति ने पूरे मामले को बड़ी सहानुभूति के साथ सुना और इससे बहुत दुखी हुईं।

शाहजहां ने ईडी पर हमले के लिए भीड़ को उकसाया
दरअसल, 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राशन घोटाले को लेकर बंगाल के 24 नॉर्थ परगना जिले में आरोपी शाहजहां शेख के यहां छापा मारा था। लेकिन शाहजहां भाग निकला और उसने भीड़ को हमले के लिए उकसा दिया। नतीजा भीड़ ईडी टीम पर टूट पड़ी। कई अफसर घायल हो गए। इसके घटना के करीब 2 हफ्ते बाद संदेशखाली की महिलाएं सामने आईं, जिन्होंने शाहजहां और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न, जमीन हड़पने आदि का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।

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