आंध्र प्रदेश में भीषण हादसा: विशाखापट्टनम के नरसिंह स्वामी मंदिर की दीवार भरभराकर गिरी, 7 की मौत

Visakhapatnam Temple Wall Collapse
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Visakhapatnam Temple Wall Collapse
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भीषण हादसा हो गया। मंगलवार (29 अप्रैल) रात 2.30 बजे श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर की दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई।

Visakhapatnam Temple Wall Collapse: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भीषण हादसा हो गया। मंगलवार (29 अप्रैल) रात 2.30 बजे श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर की दीवार का 20 फीट लंबा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। 4 घायल हैं। सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, SDRF और NDRF की टीमें पहुंची। मलबे में दबे शवों को निकाला। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसा मंदिर में चल रहे चंदनोत्सव के दौरान हुआ।

जानिए कैसे हुआ हादसा
विशाखापत्तनम में भगवान वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी जी का मंदिर है। हर साल की तरह इस वर्ष भी मंगलवार को मंदिर में चंदनोत्सव चल रहा था। मान्यता है कि चंदनोत्सव के दौरान भगवान वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी अपने वास्तविक रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त सिंहगिरी पहुंचे। चंदनोत्सव के दौरान देर रात 2ं:30 बजे तेज बारिश होने लगी। तभी मंदिर की दीवार का 20 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर गिर गया। चपेट में आने से 7 लोगों की मौत हो गई। 4 घायल हैं।

मंत्री वंगलापुड़ी ने दिए जांच के आदेश
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, NDRF और SDRF की टीमें पहुंची। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने 7 को मृत घोषित कर दिया। 4 का इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही राज्य की गृह और आपदा प्रबंधन मंत्री वंगलापुड़ी अनिता पहुंचीं और हालात का जायजा लिया। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज और राहत-बचाव में कोई कोताही न हो। मंत्री ने कहा-दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच के आदेश दे दिए हैं।

तेज बारिश के कारण हुआ हादसा
अधिकारियों के मुताबिक, तेज बारिश के कारण रात 2ं:30 दीवार गिरी। कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ पहुंची। घायलों को अस्पताल पहुंचाया। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। SDRF के जवान ने बताया कि घटना में 7 लोगों की मौत हो गई।

मंत्री अंगनी ने भेंट किए रेशमी वस्त्र
स्वामीजी को सुबह सेवा के साथ जगाया गया। इसके बाद भगवान के शरीर पर लगे चंदन को चांदी के चम्मच से हटाया गया। मंदिर के वंशानुगत ट्रस्टी पुसापति अशोक गजपतिराजू और उनके परिवार के सदस्यों को पहला वास्तविक दर्शन कराया। भगवान को पहला चंदन अर्पित किया। राजस्व मंत्री अंगनी सत्य प्रसाद ने राज्य सरकार और टीटीडी की तरफ से रेशमी वस्त्र भेंट किए।

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