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Workout Tips: जिम में एक्सरसाइज के दौरान होने वाली छोटी-छोटी गलतियां कई बार परेशानी की वजह बन जाती हैं। इसलिए वर्कआउट के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Workout Tips: शरीर को एक्टिव और फिट बनाए रखने के लिए आजकल लोगों में जिम जाने का ट्रेंड बढ़ गया है। लेकिन कई बार सही जानकारी के अभाव में इससे फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है। वर्कआउट करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए। जिम में एक्सरसाइज के दौरान होने वाली छोटी-छोटी गलतियां कई बार परेशानी की वजह बन जाती हैं। वर्कआउट के दौरान लोगों को किस तरह की इंजरी हो सकती हैं और उससे बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं।

जिम में वर्कआउट करते समय रखें ये सावधानी, जिससे नहीं लगेगी चोट और  इन्ट्रेस्टिंग बनेगा सेशन | How to Injury Proof And Stay Safe Workout In  Hindi

  • मसल्स में खिंचाव: शुरुआती दौर में वर्कआउट करने वाले लोगों को अकसर कंधे, हाथ, गर्दन और कमर की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। इसकी वजह से उन्हें झुकने, उठने, बैठने या हाथों से कोई सामान उठाने में तकलीफ होती है।

क्या करें: आमतौर पर प्रैक्टिस से धीरे-धीरे यह समस्या दूर हो जाती है। फिर भी दर्द ज्यादा हो तो तुंरत अपने ट्रेनर को इसकी जानकारी दें।

  • ओवर यूज स्ट्रेस: कुछ लोग जिम में देर तक वर्कआउट करते हैं, जिससे उनके पूरे शरीर में तेज दर्द होने लगता है। इसी समस्या को ओवर यूज स्ट्रेस कहा जाता है।

क्या करें: एक ही दिन में अपनी क्षमता से अधिक वर्कआउट करने की कोशिश ना करें, इससे फायदे के बजाय नुकसान होता है। प्रैक्टिस के साथ धीरे-धीरे अपने वर्कआउट की टाइमिंग बढ़ाएं।

  • कार्टिलेज टियर्स: जोड़ों की सुरक्षा के लिए उनके आस-पास सॉफ्ट टिश्यूज का कुशन सा बना होता है। बार-बार गलत तरीके से एक्सरसाइज करने के कारण जोड़ों में स्पेस बन जाता है, जिसे कार्टिलेज टियर्स कहा जाता है।

क्या करें: बिना देर किए अस्थि रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। चोट गहरी है तो लेप्रोस्कोपी के जरिए क्षतिग्रस्त टिश्यूज की मरम्मत की
जरूरत पड़ती है।

What To Do Next Time You're Really Damn Bored At The Gym

  • शोल्डर इंपिजमेंट: एक्सरसाइज के दौरान कुछ लोग कंधे पर बहुत ज्यादा जोर डालते हैं, जिससे कमजोर मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। कंधे की इन मसल्स को रोटेटर कफ कहा जाता है। जब ये मांसपेशियां कंधे पर दबाव डालती हैं तो इससे दर्द होता है। इसी समस्या को शोल्डर इंपिजमेंट कहा जाता है।

क्या करें: कंधे के दर्द को अनदेखा ना करें, कई बार टूटी-फूटी मसल्स को जोड़ने के लिए लेप्रोस्कोपी के जरिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है।

  • एंकल या रिस्ट में खिंचाव: कुछ लोग सही फिटिंग के जूते नहीं पहनते, इसलिए वॉर्मअप के लिए दौड़ते समय उनके टखने में मोच आ जाती है। इसी तरह कई बार झटके के साथ वेट लिफ्टिंग करने वाले लागों की कलाई में मोच आ जाती है।

क्या करें: हमेशा सही फिटिंग के जूते पहनें और पहली बार में अधिक वजन उठाने की कोशिश ना करें।

  • कमर में दर्द: वेट लिफ्टिंग करने वाले लोग अगर अपनी क्षमता से अधिक वजन उठा लें तो उनके कमर में दर्द या स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है।

क्या करें: अगर कमर में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और उनके सभी निर्देशों का पालन करें।

जिम में गलत व्यायाम के कारण चोट लग सकती है

इनका भी रखें ध्यान: अच्छी तरह जांचने-परखने के बाद ही किसी जिम का चुनाव करें।

  • शुरुआत में 15 मिनट तक वार्मअप और बीच में थोड़ा रिलैक्स करना ना भूलें।
  • रोजाना एक ही तरह की एक्सरसाइज करने के बजाय अपनी जरूरत के अनुसार अलग-अलग तरीके का वर्कआउट करें।
  • वेट लिफ्टिंग के लिए हमेशा कम वजन से शुरुआत करें और धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं।
  • जिम में एक्सरसाइज करने के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है, लेकिन इसके लिए डिब्बाबंद प्रोटीन का चुनाव न करें बल्कि अपनी डाइट में अंडा, चिकन, फिश, चना, दालों, स्प्राउट और पनीर की मात्रा बढ़ाकर प्राकृतिक स्रोत से प्रोटीन की जरूरत को पूरा करें।

(यह लेख मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. एल. तोमर से बातचीत पर आधारित है)      

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