Logo
election banner
Broken Heart Syndrome: दिल टूटना आपको काफी हताशा से भर देता है, लेकिन इससे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का शिकार भी हो सकते हैं। जानें इस बीमारी के बारे में जरूरी बातें।

Broken Heart Syndrome: किसी गहरे सदमे का असर दिल पर पड़ता है ये तो हम सभी जानते हैं। अक्सर अगर जैसा दिल चाहे और वैसा न हो पाए तो दिल टूटने जैसा महसूस होता है। शारीरिक और मानसिक तनाव इसके पीछे की वजह होते हैं। दिल जैसा टूटना महसूस होने को ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) भी कहा जाता है। इस सिंड्रोम के होने पर हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं, इसी वजह से इसे ये नाम दिया गया है। 

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम अचानक किसी इमोशनल घटना या फिर फिजिकल स्ट्रेस काफी बढ़ने की वजह से हो सकता है। इस सिंड्रोम में दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिससे ब्लड को पंप करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। हालांकि ये परमानेंस डिजीज नहीं है लेकिन इसका असर शरीर के सभी अंगों पर दिखता है। 

क्या होता है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम?
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के कुछ लक्षण होते हैं, जिन्हें जानकर आप समझ सकते हैं कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के आप शिकार हो चुके हैं। इस हेल्थ कंडीशन में छाती में अचानक तेज दर्द होता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। सीने में जकड़न महसूस होकर ब्लड प्रेशर घटने लगता है। इसके साथ ही पीड़ित को बेहोशी भी आ सकती है। 

इसे भी पढ़ें: Cardiac Arrest: घबराएं नहीं... 5 मिनट की समझदारी बचा सकती है मरीज की जान, First Aid से जुड़ीं ज़रूरी बातें जानें

धड़कनों का अनियमित होना या फिर एकदम से तेज़ हो जाना भी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का एक लक्षण है। मायो क्लीनिक के मुताबिक इस बीमारी की ठोस वजह अब तक सामने नहीं आई है। हालांकि इसके पीछे स्ट्रेस एक बड़ा कारण हो सकता है। 

स्ट्रेस हार्मोन पहुंचाते हैं नुकसान
जब कोई फिजिकल या मेंटल स्ट्रेस बढ़ता है तो इसके चलते शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगता है। इसकी वजह से दिल की सेहत को नुकसान पहुंचता है, हालांकि ये नुकसान लंबे वक्त के लिए नहीं होता है, लेकिन स्ट्रेस हार्मोन दिल की फंक्शनिंग को प्रभावित करते हैं।

इसे भी पढ़ें: Vitamin D and Calcium: शरीर में कैल्शियम ज्यादा, विटामिन D कम हो जाए तो क्या होगा? सवाल का जवाब आपको चौंका देगा

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से बचाव के तरीके
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की स्थिति से बचने के लिए कुछ आसान तरीके काम आ सकते हैं। इससे बचाव के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी है। इसके लिए हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के साथ नियमित व्यायाम जैसे वॉकिंग, एक्सरसाइज़ करें। साथ ही मेडिटेशन, योग को भी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। सही डाइट और पर्याप्त नींद इस सिंड्रोम से आपका बचाव कर सकती है। 

jindal steel
5379487