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Cardiac Arrest First Aid: कार्डियक अरेस्ट होने पर मरीज को शुरुआती मिनटों में दिया गया फर्स्ट एड उसकी जान बचा सकता है।

Cardiac Arrest First Aid: कार्डियक अरेस्ट आने पर फर्स्ट एड बेहद महत्वपूर्ण होता है। आपके आसपास अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट आ जाए तो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि शुरुआती 5 मिनट में ही मरीज को जरूरी First Aid मिल जाए, जिससे मरीज की जान बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है। किसी को कार्डियक अरेस्ट आने पर आसपास के सभी लोग घबरा जाते हैं जो कि लाजिमी भी है। लेकिन इस मौके पर दिमागी संतुलन बनाए रखना और मरीज को सही ट्रीटमेंट देना जरूरी होता है। 

इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक पालघर अधिकारी लाइफलाइन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रानिल, गंगराडे कहते हैं कि कार्डियक अरेस्ट में तत्काल ऑब्जर्वेशन और एक्शन लेने का वक्त होता है। तत्काल मिला फर्स्ट एड मरीज की जान बचा सकता है। 

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
अगर कोई व्यक्ति अचानक गिर जाए, उसकी पल्स बंद हो जाए और सांस भी रुक जाए और बेहोश हो जाए। ये सारी स्थितियां कार्डियक अरेस्ट की ओर इशारा करती हैं। इसके पहले मरीज को सीने में असहजता, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी और अनियमित धड़कन महसूस हो सकती है। 

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फर्स्ट एड में क्या करें?
पुणे के रूबी हॉल क्लीनिक के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल पाटिल कहते हैं कि कार्डियक अरेस्ट के पहले कई बार लक्षण दिखाई देते हैं और कई बार नहीं भी दिखाई देते हैं। किसी को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद फर्स्ट एड से जुड़ी कुछ जरूरी बातें करना आवश्यक हैं। 

  • इमरजेंसी मेडिकल असिस्टेंस को तत्काल कॉल करें
  • मरीज की सेफ्टी को सुनिश्चित करें। उसे पीछे के बल किसी समतल जगह पर लिटाएं और हवा आने दें। 
  • आपक अगर CPR के लिए ट्रेंड हैं तो 100-120/मिनट के हिसाब से 30 चेस्ट कंप्रेशन दें। साथ में 2 बार मुंह से सांस दे। 
  • आप अगर CPR के लिए ट्रेंड नहीं हैं तो भी लगातार एक लय में चेस्ट कंप्रेशन देते रहें। 
  • आसपास अगर ऑटोमेटेड एक्सटरनल डिफाइब्रिलेटर (AED) उपलब्ध हो तो उसके इंस्ट्रक्शन फॉलो करें।
  • मरीज को गिरने से कोई इंजुरी तो नहीं हुई है उसे चेक करें और ये भी देखें कि कहीं से खून तो नहीं निकल रहा। 
  • इमरजेंसी सर्विसेस के लिए सुरक्षित वातावरण बनाएं और उनके सही तरीके से कम्यूनिकेट करें। 
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