सफलता के लिए जगाना होगा आत्मविश्वास
आत्मविश्वास जीवन के हरेक पहलू के लिए जरूरी है
कार्यकुशलता-स्वाभिमान की भूमिका
दो प्रमुख चीजें जो आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करती है, वे हैं कार्यकुशलता और स्वाभिमान। हमें अपने कार्यकुशल होने का तब अहसास होता है, जब हम पाते हैं कि हम जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं,उस क्षेत्र के लिए अहमियत रखने वाले हुनर हासिल कर रहे हैं और उस क्षेत्र में अपने लक्ष्य हासिल करते जा रहे हैं। यह इस विश्वास का सवाल है कि अगर हम किसी भी क्षेत्र के लिए जरूरी हुनर सीखेंगे और मेहनत से काम करेंगे तो कामयाब होंगे, और यही वह विश्वास है, जो लोगों को कठिन चुनौतियां स्वीकार करने और बाधाएं पैदा होने पर भी डटे रहने के लिए पे्ररित करता है।
यह बात स्वाभिमान से बहुत मिलती जुलती है, जिसे हम सामान्य तौर पर यह मान सकते हैं कि हमारे जीवन में जो कुछ चल रहा है, वह हमारे काबू में है या उसे हम बर्दाश्त कर रहे है, और इसके लिए हमें खुश रहने का हक है। कुछ हद तक तो यह अहसास इस बात पर भी टिका होता है कि हमारे इर्द-गिर्द जो लोग हैं, वे हमें कितना स्वीकारते हैं, और यह हमारे वश में भी हो सकता है और नहीं भी हो सकता है। इसके साथ ही यह इस पर भी निर्भर करता है कि हम अच्छे व्यवहार और भलाई के रास्ते पर चलते हुए जो कुछ करते हैं उसे करने में कितने निपुण हैं, कितने सक्षम हैं, और अगर ठान लें तो हम दूसरों से आगे भी निकल सकते हैं।