सीबीएसई 10वीं क्लास एग्जाम के लिए कैसे बनाएं प्रिपरेशन स्ट्रेटजी, बता रहे हैं एक्सपर्ट्स


प्रदीप कुमार
नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल, पटपड़गंज, दिल्ली
हिंदी : प्रस्तुतिकरण का रखें ध्यान
अधिकांश विद्यार्थी दूसरे विषयों की तुलना में हिंदी को तैयार करने में समय कम देते हैं। इस वजह से इसमें उन्हें कम अंक मिलते हैं। अगर वे कुछ बातों पर ध्यान दें तो हिंदी में भी आपको अच्छे अंक मिल सकते हैं।
सबसे पहले आपको प्रश्न पत्र का प्रारूप समझ लेना चाहिए।
प्रश्न पत्र का प्रारूप
10वीं कक्षा के हिंदी प्रश्न पत्र को चार भागों में विभक्त किया गया है। जिसमें खंड-क-अपठित गद्यांश व काव्यांश का होगा। इस खंड के लिए 20 नंबर निर्धारित किए गए हैं। खंड-ख में व्यावहारिक व्याकरण दिया जाएगा, जिसके लिए 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। खंड-ग में पाठ्य पुस्तक और पूरक पाठ्य पुस्तक से संबंधित सभी पाठों के संबंधित प्रश्न आएगें। यह खंड कुल 40 अंकों का है। खंड-घ में लेखन से जुडे प्रश्न पूछे जाएंगे। जैसे अनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन आदि। इस खंड में लेखन के माध्यम से विभिन्न विषयों और संदर्भों पर छात्रों के तर्कसंगत विचार प्रकट करने की क्षमता को परखा जाएगा। यह खंड 10 अंकों का होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
-अपठित गद्यांश और काव्यांश पर शीर्षक का चुनाव, विषय वस्तु का बोध, भाषिक बिंदुसंरचना आदि प्रश्न पूछे जाएंगे। इसलिए इसका अभ्यास किसी हेल्प बुक से निरंतर करते रहें।
-व्याकरण के भाग में पदबंध, पद परिचय, मिश्र और संयुक्त वाक्य, वाक्यों का रूपांतरण, स्वर संधि, समास, मुहावरे और लोकोक्तियों का वाक्य में प्रयोग को अच्छे से तैयार कर लें।
-पाठ्य पुस्तिका स्पर्श में गिरगिट नामक पाठ अच्छे से तैयार करें। इसके अलावा सोलोमेन, महाकवि शेख अयाज के पिता के व्यक्तित्व पर आधारित प्रश्न भी तैयार करें। गिन्नी के सोने और शुद्ध सोने में क्या अंतर है, ऐसे प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं। इसके अलावा टी-सेरेमनी की विशेषताओं के बारे में भी पूछा जा सकता है। कारतूस पाठ में वजीर अली का चित्रण भी ध्यान से पढें।
-इसके अलावा सभी कविताओं को याद कर लें। अकसर कविताओं के संदेश, शीर्षक, लेखक या किसी भी पंक्तियों का भावार्थ पूछा जा सकता है।
-संचयन पुस्तक के दोनों पाठ को ध्यान से पढ़ें। लेखक गुरदयाल सिंह के बचपन पर आधारित प्रश्न अकसर परीक्षा में आता है।
ऐसे करें तैयारी
-चिंतामुक्त होकर सही रणनीति बनाकर परीक्षा की तैयारी करें।
-प्रश्न पत्र में आने वाले प्रत्येक खंड की अलग-अलग समय निर्धारित कर तैयार करें।
-पाठ्य पुस्तिका को तैयार करने के लिए एनसीईआरटी के पाठ के अंत में दिए गए अभ्यास को तैयार करें।
-सभी पाठों का, खासकर कविताओं का, सारांश बना लें। बाद में रीविजन के वक्त इसी से तैयारी करें।
-अपठित पद्यांश और गद्यांश की तैयारी हेल्पबुक से करें। अगर आप प्रतिदिन एक अपठित पद्यांश या काव्यांश तैयार करेंगे तो इसमें आपको मुश्किल से 5-10 मिनट लगेंगे और अपनी प्रैक्टिस भी होगी। नियमित रूप से इसका अभ्यास करें।
-व्याकरण को शुद्ध बनाने के लिए हेल्प बुक से पहले व्याकरण को अच्छी तरह याद करें। बाद में उसी का अभ्यास करते रहें।
- अभी इस महीने मॉडल पेपर सॉल्व ना करें। अभी टॉपिक वाइज अलग अलग तैयारी करें।
-लेखन खंड की तैयारी के लिए नियमित रूप से कुछ न कुछ लिखते रहें। विषय अपने शिक्षक या परिजनों से पूछें। बाद में उसे चेक कराकर अपनी त्रुटियां देखें। इससे आपका विश्वास बढ़ेगा।
परीक्षा कक्ष में रखें ध्यान
—शुद्ध और सरल शब्दों का प्रयोग करने की कोशिश करें।
-उत्तर पुस्तिका में दोनों ओर मार्जिन जरूर छोडें।
-वाक्य निर्माण करते वक्त शब्दों पर विशेष ध्यान दें। एक शब्द बार-बार प्रयोग न करें।
-जितने शब्दों में उत्तर देने को कहा गया है, कोशिश करें उतने शब्दों में ही सटीक उत्तर दें।
-जो प्रश्न अच्छी तरह नहीं आता, उसे सबसे आखिर में करें।
-उत्तर पुस्तिका में नीले पेन का इस्तेमाल करें, हेडिंग आदि लिखने के लिए काले पेन का इस्तेमाल करें। इससे उत्तर पुस्तिका साफ और सुंदर दिखेगी।
-प्रत्येक उत्तर के बाद कुछ स्थान छोड़कर ही नया उत्तर लिखें।
-लेखन खंड में उत्तर लिखते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप हेडिंग और सब टाइटल बनाकर प्वाइंट्स में जवाब देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। इससे एग्जामिनर को पढ़ने में आसानी होगी और आपको अच्छे अंक भी मिलेंगे।
-उत्तर पुस्तिका में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
संस्कृत का विषय वैकल्पिक है। अगर आपने संस्कृत को लिया है तो आप थोड़ी सी मेहनत से ही अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। संस्कृत में आपकी व्याकरण पर जितनी अच्छी पकड़ होगी, उतने अच्छे आपको अंक मिलेंगे। संस्कृत में लिखना भी कम पड़ता है, इसलिए अच्छे से सोच-समझकर उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखें।
रखें ध्यान
-शब्द और वाक्य लिखते समय वर्तनी पर पूरी तरह ध्यान दें। थोड़ी सी भी लापरवाही से आपका उत्तर गलत हो सकता है।
-संस्कृत में उत्तर लिखने का अभ्यास निरंतर करते रहें।
-संस्कृत के व्याकरण को तैयार करते वक्त संधि, लिंग, वाच्य, लकार, समास, अभिव्यक्ति की अच्छे से तैयारी करें। इनका वाक्य में प्रयोग करना भी समझ लें। इससे भी आपको बहुत मदद मिलेगी।
-पाठ्य पुस्तिका में दिए गए पाठों का हिंदी में अर्थ का सारांश तैयार कर लें। इससे बहुत मदद मिलेगी।
-सैंपल पेपर सॉल्व कर अभ्यास करते रहें। इससे आपका आत्मविश्वास बढेगा।
Tags
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS