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ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में कई बड़े बदलाव आए। इससे दुनियाभर में लाखों लोगों को खतरा है। साल 2023 में मौसमी घटनाओं की वजह से करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई।

IMD use Artificial Intelligence: भारतीय मौसम विभाग ने अनुमानों को ज्यादा सटीक बनाने के लिए एक नया तकनीकी कदम उठाया है। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जानकारी को बेहतर बनाने के लिए एक आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित मॉडल की टेस्टिंग जारी है। इस प्रोजेक्ट के तहत, मौसम से जुड़ी चरम परिस्थितियों (Extreme Weather Conditions) के पूर्वानुमान में और भी सटीकता लाने की कोशिश की जा रही है।

पिछले कुछ सालों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में कई बड़े बदलाव हुए हैं। जिससे चरम मौसम घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस बदलते मौसम के कारण दुनियाभर में लाखों लोगों को खतरा है। भारत में 2023 में आंधी-तूफान, चक्रवात, बारिश, बाढ़, लू और शीतलहर जैसी मौसमी घटनाओं की वजह से करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई। साथ ही, लाखों लोग बेघर हो गए और गृहस्थी के साथ पालतू जानवरों को भी नुकसान हुआ।

पब्लिक सेफ्टी और हेल्थ को लेकर भी मिलेगा अलर्ट
मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह तकनीकी सुधार मौसम संबंधी जानकारी को लेकर पब्लिक सेफ्टी और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है। इस तकनीक से न केवल मौसम के पूर्वानुमान में सुधार होगा, बल्कि इससे बीमारियों जैसे- लू और मलेरिया के आंकड़े भी प्राप्त किए जा सकते हैं, जो देशभर में पब्लिक हेल्थ के प्रति अलर्ट प्रदान करने में मददगार साबित होगा।

अभी कंप्यूटर से आंकड़ों को पूर्वानुमान में बदलते हैं
मौसम विभाग के मुताबिक, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के द्वारा प्राप्त डाटा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौसम से जुड़ी जानकारी पहुंचाई जा सकती है, जो विभाग को अधिक संपूर्ण और सटीक डाटा प्राप्त करने में सहयोगी होगा। अभी मौसम से जुड़े आंकड़ों को कंप्यूटर आधारित कैल्कुलेशन से पूर्वानुमानों में बदला जाता है, लेकिन AI से ज्यादा सटीक भविष्यवाणी मिलेगी। इस नई पहल से मौसम विभाग को उम्मीद है कि वे एक बेहतर और सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान कर सकें, जो नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षण में मदद करेगा।

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