New Rules: इलेक्ट्रिक कारें महंगी और सिलेंडर सस्ता, नया टैक्स स्लैब लागू; यहां जानें 1 अप्रैल से क्या हुए बदलाव

Rules change April 2024
X
Rules change April 2024
New Rules: आज से नए वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर (FY2024-25) की शुरुआत हुई। इस दौरान डेबिट कार्ड शुल्क, कारों की कीमतें, एलपीजी गैस के दामों समेत 6 अहम बदलाव हुए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं। 

New Rules: देश में 1 अप्रैल (सोमवार) से नए वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की शुरुआत हो चुकी है। वित्त वर्ष के पहले महीने में कई अहम बदलाव हुए हैं, जो कि सीधा आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। आज से इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना महंगा हो गया है। दूसरी ओर, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने डेबिट कार्ड का एनुअल मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाकर उपभोक्ताओं को झटका दिया है। हालांकि, एक राहतभरी खबर ये है कि सरकारी तेल कंपनियों ने एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम घटाए हैं। आगे पढ़िए... 1 अप्रैल 2024 से क्या-क्या बदला

1) कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सस्ता हुआ
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एक अप्रैल से कॉमर्शियल सिलेंडर (19 KG) की कीमतें 32 रुपए तक घटाई हैं। दिल्ली में यह 30.50 रुपए की कटौती के साथ 1764.50 रुपए में मिलेगा। वहीं कोलकाता में सिलेंडर अब 32 रुपए सस्सा होकर 1879 रुपए में मिलेगा। वहीं, मुंबई में सिलेंडर के दाम 1717.50 हो गए, यहां 31.50 रुपए कम हुए और चेन्नई में कमर्शियल सिलेंडर 1930 रुपए में बिकेगा। हालांकि, सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 KG) की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। दिल्ली में यह 803 और भोपाल में 805 रुपए में मिल रहा है।

2) इलेक्ट्रिक कारें खरीदना हो गया महंगा
आज से इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियों टोयोटा और टाटा ने गाड़ियों की कीमतों में इजाफा किया है। अब अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट के हिसाब से दाम बदल जाएंगे। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना महंगा हो चुका है। सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। फिलहाल, इस योजना में 22,500 रुपए तक की सब्सिडी मिल रही थी। हालांकि, आज से सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) लागू की है। इसके तहत 31 जुलाई 2024 तक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 10,000 रुपए और थ्री व्हीलर पर 25,000 रुपए तक सब्सिडी मिलेगी।

3) SBI ने डेबिट कार्ड मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाया
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने डेबिट कार्ड के लिए एनुअल मेंटेनेंस फीस को 75 रुपए तक बढ़ा दिया है। जिसके बाद क्लासिक-सिल्वर-ग्लोबल-कॉन्टेक्लैस डेबिट कार्ड के लिए शुल्क 125 रुपए से बढ़ाकर सालाना 200 रुपए कर दिया है। इसी प्रकार प्लेटिनम डेबिट कार्ड के लिए अब 250 रुपए की जगह आपको सालभर में 325 रुपए चुकाने होंगे। कार्ड्स की मेंटेनेंस फीस में GST अलग से वसूली जाएगी, यानी यह रकम आपको थोड़ी और बढ़ाकर देनी होगी।

4) अब टैक्स रिर्टन के लिए न्यू टैक्स रिजीम लागू
- सरकार ने आज से आयकरदाताओं के लिए न्यू टैक्स रिजीम की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया है। अब आयकर रिटर्न भरते समय आपको डिफॉल्ट में न्यू टैक्स रिजीम ही मिलेगा। अगर कोई पुरानी टैक्स रिजीम के अनुसार रिटर्न दाखिल करना चाहता है तो इसे ऑप्शन पर जाकर सिलेक्ट करना होगा। केंद्र सरकार ने 2020 में न्यू नियमों में बदलाव किया था। न्यू टैक्स रिजीम में कोई डिडक्शन लागू नहीं होता है।
- न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख तक की आय टैक्स फ्री रहेगी। 3 से 6 लाख तक 5%, 6 से 9 लाख तक की इनकम पर 10% और 15 लाख तक की कमाई पर अधिकतम 25% टैक्स भरना होगा। अगर कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनता है तो उसे 2.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। 2.5 से 5 लाख तक 5 फीसदी, 5 से 7.5 लाख तक 20 फीसदी और 10 से 20 या ज्यादा पर अधिकतम 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ेगा।

5) फास्टैग KYC नहीं कराई तो अकाउंट बंद
नेशनल हाईवे अथॉरिटी के नियम के मुताबिक, अगर आपने 31 मार्च तक अपनी कार या अन्य वाहन पर लगे फास्टैग की KYC अपडेट नहीं कराई है तो यह आज (1 अप्रैल) से बंद हो जाएगा। ऐसे में फास्टैग डिएक्टिव होने पर आपको टोल प्लाजा पर पैसे कटाने में परेशानी हो सकती है। बिना केवायसी के फास्टैग में बैलेंस होने पर भी भुगतान नहीं हो पाएगा। इसे दोबारा चालू करने के लिए आपको आधिकारिक साइट पर ऑनलाइन जाकर केवायसी प्रोसेस पूरी करनी होगी या इस काम को आप अधिकृत बैंक में जाकर भी कर सकते हैं। KYC अपडेशन के लिए आपको आधार, पैन और आरसी जैसे दस्तावेज सबमिट करने होंगे।

6) अब विदेशी ETF में निवेश पर लगी रोक
शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड्स के जरिए विदेशी ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश पर रोक लगा दी है। यानी अब आप ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में इंवेस्ट नहीं कर पाएंगे जो फॉरेन ईटीएफ में पैसा लगाती हैं। SEBI का आदेश विदेशी ईटीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा (1 बिलियन डॉलर यानी 8,332 करोड़ रु.) के करीब पहुंचने पर लागू हुआ है। सेबी ने इस संबंध में भारत में म्यूचुअल फंड हाउसेज की प्रमुख संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) को पत्र लिखा है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story