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Business Idea: विश्वभर में हींग की सबसे अधिक खपत भारत में होती है, लेकिन आज भी भारत में इसकी बहुत ही कम मात्रा में की जाती है। देश में प्रतिवर्ष 1200 टन से अधिक हींग की खपत होती है। देश में हर वर्ष 600 करोड़ से अधिक हींग के आयात में खर्च किया जाता है।

Business Idea: विश्वभर में हींग की सबसे अधिक खपत भारत में होती है, लेकिन आज भी भारत में इसकी बहुत ही कम मात्रा में की जाती है। देश में प्रतिवर्ष 1200 टन से अधिक हींग की खपत होती है। जिसकी आपूर्ति दूसरे देशों से की जाती है। देश में हर वर्ष 600 करोड़ से अधिक हींग के आयात में खर्च किया जाता है। हींग अफगानिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान देशों से मंगाई जाती है। 

कृषि विभाग की जागरूकता के बाद भारत में भी हींग की खेती की जाने लगी है। जिससे किसान अच्छा खास कमाई करने लगे हैं। देश में हींग की खेती की शुरूआत हिमाचल प्रदेश के किसानों ने शुरू कर दिया है। किसानों के मुताबिक देश में हींग की कीमत 35000 रूपये किलो है, जो बाजार की आवश्यकता अनुसार कीमत में उतार-चढ़ाव होता रहता है। देश में हींग की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। हींग को किसान से खरीदने के लिए व्यवसायिक, उद्यमी और ऑनलाईन कंपनियां सीधे संपर्क कर रही हैं। अगर भी हींग की उपज करने का मन बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है।

उपज के लिए उपयुक्त मिट्टी और तापमान
हींग की खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी और ठण्डा मौसम अनुकूल माना जाता है। इस मिट्टी वाले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें। इसके बाद रोपण के लिए 2-2 फिट की दूरी पर इसे लगा दें। महीनेभर बाद रोपण तैयार हो जाएगा। पौधे की रोपाई 5-5 फिट दूरी में कर सकते हैं। इसकी सिंचाई तीन से चार दिन में करते रहें, ताकि नमी बनी रहे। पौधे को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम 35 से 40 डिग्री उचित माना जाता है। इसलिए तापमान का सबसे अधिक ध्यान रखने की आवश्यक्ता रहती है।

पहाड़ी इलाकों में ज्यादा उपज
इस पौधे पर धूप पर फोकस रखना चाहिए। इसमें धूप पूरी तरह से पहुंचनी चाहिए। इसकी खेती पहाड़ी इलाके में डालनूमा जमीन में करना ज्यादा फायदेमंद होता है, ताकि खेत में पानी स्थिर न रूक सके। इसकी उपज कम पीएच में भी हो जाती है। रेतीली और दोमट मिट्टी इसके लिए काफी उपर्युक्त हैं। क्योंकि इसकी लंबी जड़ें गहरी होती हैं। खेती के लिए औसतन वर्षा 100-350 मि.मी. उपयुक्त मानी जाती है। खेत में खरपतवार की समय-समय पर निदाई गुड़ाई करना भी जरूरी होता है।

5 साल में हो जाती है तैयार
हींग की फसल 5 वर्ष में तैयार होती है। इसके जड़ का ऊपरी भाग गाजर की तरह दिखाई देता है। पौधे में फूल आने से पहले इसकी कटाई की जाती है। इसकी जड़ में करीब 8 से 10 बार चीरा लगाया जा सकता है।  इसमें से निकलने वाले दूध से हींग बनाई जाती है। लोगों को शुद्ध हींग की गंध तीखी होने के कारण पसंद नहीं आती। इसलिए स्टार्च और गोंद में मिलाकर बाजारों में बेचा जाता है।

होगी अच्छी कमाई
किसानों के मुताबिक बाजार में अच्छी हींग की कीमत लगभग 35000 हजार रूपये किलो होती है। इसे उद्यमी बड़ी कंपनियां से टाईअप कर ऑनलाईन माध्यम से बेच देते हैं। जिसके कारण इसके बिक्री पर कोई परेशानी नहीं होती है। हींग की खेती मुनाफे के हिसाब से काफी अच्छी है।

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