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Vehicle Color Change Rule: पुरानी कार से जल्दी बोर हो जाने के कारण कुछ लोग कार बदलते हैं, तो कुछ लोग कार के कलर में परिवर्तन करते हैं या फिर अलग लुक देने के लिए मॉडिफाई करवाते है। लेकिन क्या आपको पता है, परिवहन विभाग की अनुमति के बिना वाहन में बदलाव करना अवैध माना गया है।

Vehicle Color Change Rule: आजकल बाइक या कार को लोग जरूरत ही नहीं बल्कि शौक पूरा करने के लिए भी खरीदते हैं। यही कारण है कि लोग वाहनों में कुछ अलग खासियत फीचर्स देखने के बाद ही खरीदी करते हैं और कंपनियां भी वाहनों के फीचर्स में बदलाव करती रहती हैं। इसके बावजूद भी व्हीकल ऑनर अपने वाहनों की कुछ खास पहचान देने के लिए एसेसरीज लगवाते हैं। वहीं कुछ लोग अपनी कार को अलग पहचान देने के लिए कार रैपिंग भी करवाते हैं। 

पुरानी कार से जल्दी बोर हो जाने के कारण कुछ लोग कार बदलते हैं, तो कुछ लोग कार के कलर में परिवर्तन करते हैं या फिर अलग लुक देने के लिए मॉडिफाई करवाते है। इसके अलावा कार में मैट फिनिश कलर रैपिंग कराकर कार को खूबसूरत बनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है, परिवहन विभाग की अनुमति के बिना वाहन में बदलाव करना अवैध माना गया है। ऐसा करने पर वाहनों पर चालानी कार्यवाही या पुलिस हिरासत में लिया जा सकता है। आईये जानते हैं वाहन का कलर चेंज करने के क्या नियम हैं, किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।

गाड़ी के कलर बदलने की प्रक्रिया
किसी भी गाड़ी का कलर बदलने के लिए वाहन को रजिस्टर्ड आरटीओ कार्यालय ले जाना होगा। परिवहन विभाग या इंटरनेट के माध्यम से NAMV मोटर यान में परिवर्तन का फॉर्म डाउनलोड कर भरना होगा। जिसमें दो फॉर्म की आवश्यकता होती है। इस फॉर्म में ऑनर का नाम, वाहन मॉडल, वाहन रंग, परिवर्तन रंग के साथ सटीक शेड और रंग भरना अति आवश्यक होता है। फॉर्म भरनें में विभागीय कर्मचारी सहायता करेंगे।

इसके अलावा कुछ निर्धरित फीस लगेगी। व्हीकल ऑनर के उपयुक्त मांग पर विभागीय अधिकारी द्वारा व्हीकल और व्हीकल ऑनर की फोटो लेकर वाहन में परिवर्तन की अनुमति दे दी जाती है। जिसके बाद किसी भी शॉप में व्हीकल कलर परिवर्तन करवा सकते हैं। कलर परिवर्तन की जानकारी आरटीओ कार्यालय में देने के बाद विभागीय निरीक्षण 14 दिवस में आरसी कार्ड में कलर अपडेट किया जाएगा। वाहन में बिना अनुमति कलर परिवर्तन करने पर पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा मोटर वाहन अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है।

एक समान शेड में परिवर्तन
यदि आपका वाहन दो कलर में है। एग्जाम्पल, ब्लैक एण्ड व्हाइट और इस शेड को आप पूरा व्हाइट में बदलना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन व्हीकल में ब्लैक कलर होना भी आवश्यक होता है। इसके लिए आपको किसी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है।

कलर परिवर्तन में इंशोरेंस कंपनी को सूचना
अगर आपके वाहन का बीमा है, तो वाहन में कलर परिवर्तन कराने से पहले बीमा कंपनी को सूचित करना आवश्यक होता है। इंशोरेंस कंपनी को बिना सूचित किए वाहन में कलर परिवर्तन होने में एक्सीडे़ट पर बीमा कंपनी राशि अस्वीकार कर सकती है। बेहतर होगा कि कलर परिवर्तन से पहले बीमा कंपनी से अनुमति जरूर लें।

वाहन में नहीं करवा सकते यें कलर
पर्सनल गाड़ियों के लिए परिवहन विभाग ओलिव ग्रीन (आर्मी ग्रीन) कलर करने की अनुमति नहीं देती है। देश में ओलिव ग्रीन कलर सिर्फ भारतीय सैनिक के लिए आरक्षित है। इसके अलावा आप कोई भी कलर आरटीओ में जानकारी देकर करा सकते हैं।

इक्षांत उर्मलिया

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