Do You Know: कार लोन के लिए ITR देने के बाद भी बैंक स्टेटमेंट क्यों मांगते हैं फाइनेंसर? जानें इसका असली कारण

Why do financiers ask for bank statement even after giving ITR for car loan?
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कार लोन के लिए ITR देने के बाद भी बैंक स्टेटमेंट क्यों मांगते हैं फाइनेंसर? जानें इसका असली कारण
Importance Of Statement In Car Loan: किसी भी प्रकार का लोन लेने के लिए पेपर वर्क जरूरी होता है और इसका उद्देश्य बैंक को यह देखना होता है कि आप अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकेंगे। बैंक स्टेटमेंट और ITR दोनों का महत्व है।

Importance Of Statement In Car Loan: अगर आप कार लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको कई तरह के डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ सकते हैं। इनमें से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। बैंक स्टेटमेंट और आयकर रिटर्न (ITR) की कॉपी। दोनों में व्यक्ति की कमाई की जानकारी होती है, लेकिन दोनों को अलग-अलग क्यों मांगा जाता है? अक्सर देखा जाता है कि ITR देने के बाद भी फाइनेंसर बैंक स्टेटमेंट की मांग करते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या ITR काफी नहीं होता?

आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची
बैंक या फाइनेंशियल इंटीट्यूट लोन देने से पहले आपके बारे में पूरी जानकारी हासिल करना चाहते हैं। यह जानकारी आमतौर पर आपके आय के स्रोत, खर्चों, और आपकी खर्च करने की आदतों से संबंधित होती है। यदि आप सैलरी पाने वाले व्यक्ति हैं, तो आपको तीन महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी-

पहचान और पता प्रमाण: पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, या आधार कार्ड जैसे दस्तावेज़।
आय प्रमाण: सैलरी स्लिप और फॉर्म 16।
बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट।
सेल्फ-इम्प्लायड (स्वतंत्र व्यवसाय करने वाले) व्यक्तियों के लिए भी कुछ समान दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है, लेकिन उनके लिए आयकर रिटर्न, ऑडिटेड बैलेंस शीट, और प्रॉफिट-लॉस अकाउंट जैसे अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे जाते हैं।

बैंक स्टेटमेंट और ITR क्यों जरूरी हैं?
कई बार ग्राहक को यह सवाल आता है कि बैंक स्टेटमेंट और ITR दोनों क्यों मांगे जाते हैं, जबकि दोनों में आमतौर पर आय की जानकारी होती है।

बैंक स्टेटमेंट: बैंक स्टेटमेंट पिछले छह महीनों की जानकारी देती है, जो आपके वर्तमान वित्तीय स्थिति को दिखाती है। यह बताती है कि आपके खाते में कितने पैसे आते-जाते हैं और आप अपनी आमदनी का उपयोग किस तरह कर रहे हैं। यदि आप लगातार ओवरड्राफ्ट का उपयोग कर रहे हैं, या आपकी बैंकिंग गतिविधियां असामान्य दिखती हैं, तो बैंक को संदेह हो सकता है कि आप कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं होंगे।

आयकर रिटर्न (ITR): ITR का मुख्य उद्देश्य लंबी अवधि के दौरान आपके आय और टैक्स का ट्रैक रिकॉर्ड दिखाना है। यह बताता है कि आपने पिछले दो वर्षों में क्या आय अर्जित की है और आपने सरकार को कितने टैक्स का भुगतान किया है। यदि आपकी आय और टैक्स भुगतान स्टेटमेंट से मेल खाते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप एक वित्तीय रूप से जिम्मेदार व्यक्ति हैं।

दोनों दस्तावेज़ बैंक को यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि आप कर्ज चुकाने में सक्षम हैं। बैंक स्टेटमेंट से तात्कालिक जानकारी मिलती है, जबकि ITR से लंबी अवधि के आय और टैक्स की स्थिति का स्पष्ट दृश्य प्राप्त होता है। कार लोन के लिए ITR के बाद भी बैंक स्टेटमेंट की मांग इसलिए की जाती है ताकि फाइनेंसर आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकें। इससे न केवल फाइनेंसर का जोखिम कम होता है, बल्कि यह ग्राहक के हित में भी होता है।

(ओवियान सिंह शाही)

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