रिपोर्ट्स: क्या यूरोप की तरह भारत में भी लागू होगा 'एक देश- एक चार्जर' का नियम? जानें इसके फायदे

One charger for all Devices: रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार भी यूरोपीय यूनियन की तर्ज पर देश में 'एक देश एक चार्जर' कानून को लागू कर सकती है। इस कानून को 2022 में यूरोपीय यूनियन ने पास किया था, जिसका Apple ने विरोध किया था।

Updated On 2024-06-27 19:25:00 IST
One Nation One Charger Policy.

One Nation One Charger: रिपोर्ट की मानें तो भारत सरकार एक सामान्य चार्जर कानून लागू करने पर विचार कर रही है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में किसी प्रकार की नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन की तर्ज पर भारत में भी एक देश एक चार्जर कानून लागू किया जा सकता है।

अलग-अलग चार्जिंग पोर्ट की नहीं पड़ेगी जरूरत
इस नियम के लागू होने के बाद सभी स्मार्टफोन्स और टैबलेट के लिए एक ही चार्जिंग पोर्ट जरूरी होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार इस एक देश एक चार्जर कानून को वर्ष 2025 के मध्य तक लागू कर सकती है। यानी लगभग एक साल बाद यूरोपीय यूनियन की तरह भारत में भी एक देश एक चार्जर कानून लागू हो सकता है।

इसका मतलब है कि जून 2025 तक, भारत में बेचे जाने वाले सभी स्मार्टफोन और टैबलेट सहित सभी नए डिवाइसों में चार्जिंग के लिए USB-C टाइप पोर्ट होना आवश्यक होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में, कानून स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए लागू किया जाएगा। जबकि, रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लैपटॉप पर यह नियम 2026 के अंत तक लागू हो सकता है। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक वियरेबल डिवाइसेस और फीचर फोन्स को इस नियम में शामिल नहीं किया जा सकता है।

'One Nation One Charger' के फायदे
अगर भारत में 'एक देश- एक चार्जर' का नियम लागू होता है तो इससे कई फायदे हो सकते हैं। इस नियम के अनुसार, एक ही चार्जर के साथ अनेकों डिवाइसों को चार्ज किया जा सकता है, जिससे यूजर्स को अलग-अलग पोर्ट वाले चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जब एक से अधिक चार्जर नहीं खरीदना पड़ेगा तो इसका साफ मतलब है कि यूजर्स की पैसों की भी बचत होगी। इसके अलावा, यह चार्जिंग प्रक्रिया को सरल बनाता है और गलत चार्जरों की झंझट को खत्म करेगा।

यूरोप में पहले ही लागू हो चुका है ये नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूरोपीय यूनियन ने पहले ही (2022 में) इस नियम को लागू कर चुकी है। उस वक्त Apple ने इसका विरोध किया था। लेकिन उसे बाद में इस नियम को मानना ही पड़ा और पहली बार अपनी डिवाइसों के लिए लाइटनिंग पोर्ट को जारी न करते हुए सी टाइप चार्जिंग पोर्ट को पेश करना पड़ा।

हालांकि, दूसरे ब्रांड के चार्जर से चार्ज करने पर आईफोन में दिक्कत आ सकती है। Apple ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि iPhone को दूसरे ब्रांड के चार्जर से चार्ज करने पर गर्म होने की दिक्कत होती है।

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