उत्तराखंड में भारी बारिश: हरिद्वार में उफान पर गंगा, रुद्प्रयाग में महेश्वर मार्ग धंसा ; जानें मौसम अपडेट
उत्तराखंड में भारी बारिश से गंगा नदी उफान पर। हरिद्वार में बाढ़ का खतरा। रुद्रप्रयाग में मद्महेश्वर धाम मार्ग धंसने से 142 यात्री फंसे, SDRF ने सभी को सुरक्षित निकाला। जानें मौसम अपडेट
Uttarakhand flood news
Uttarakhand flood news: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हरिद्वार में यह 293.05 मीटर यानी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं रुद्रप्रयाग में लैंडस्लाइड से महेश्वरधाम जाने वाला मार्ग बाधित है। यहां 142 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए SDRF की टीम लगी हुई हैं।
हरिद्वार में गंगा नदी का बहाव खतरे के निशान 294.00 मीटर के बेहद करीब पहुंच गया है। प्रशासन और स्थानीय लोगों ने चिंता जताई है। आसपास के लोगों को नदी के पास न जाने की अपील की गई है।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
हरिद्वार जिला प्रशासन ने गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्कता बरतने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। राहत और बचाव दल को अलर्ट पर रखा गया है। गंगा घाटों पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ा दिया है। इसके चलते मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
रुद्रप्रयाग: मद्महेश्वर मार्ग धंसा, 142 तीर्थयात्री रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग जिले में मूसलाधार बारिश से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम जाने वाला पैदल मार्ग ध्वस्त हो गया। यह हादसा बणतोली के पास हुआ, जहां करीब 40 मीटर लंबा हिस्सा धंस गया।
SDRF ने किया रेस्क्यू
मार्ग बंद होने से 142 तीर्थयात्री बीच रास्ते में फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने रस्सियों के सहारे सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। साथ ही आने जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है।
वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाएगा
इस घटना पर केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मार्ग को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है और अगले दो से तीन दिनों में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर लिया जाएगा।