उत्तरकाशी बाढ़: मुआवजे में 5 हजार मिलने से भड़के ग्रामीण, चेक लेने से इनकार

उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बाढ़ पीड़ितों को 5 लाख के वादे के बजाय 5,000 रुपये के चेक मिलने पर ग्रामीणों ने विरोध किया। जानें पूरी स्थिति और प्रशासन का जवाब।

Updated On 2025-08-10 16:53:00 IST

उत्तरकाशी: बाढ़ प्रभावित इलाके में सीएम धामी के सामने भावुक हुई महिला।  

Uttarakhand Disaster Relief: उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल इलाके में विनाशकारी बाढ़ के प्रभावितों को राहत राशि वितरित की जा रही है। रविवार (10 अगस्त 2025) को मुआवजे के रूप में 5-5 हजार के चेक मिलने से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। नारेबाजी करते हुए विरोध करने लगे। कहा, सरकार ने 5-5 लाख देने का ऐलान किया है, लेकिन 5-5 हजार दिए जा रहे हैं।

धराली में कई ग्रामीणों ने चेक लेने से इनकार कर दिया। प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए पाँच लाख का आश्वासन दिया था, अब पाँच हज़ार दिए जा रहे हैं। यह सरकार की वादाखिलाफी है।

प्रशासन बोला-यह अंतरिम राहत राशि

उत्तरकाशी के ज़िला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि यह भुगतान केवल अंतरिम उपाय है। नुकसान का विस्तृत आकलन के बाद उचित मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व सचिव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पैनल पुनर्वास और आजीविका पुनरुद्धार योजना पर काम कर रहा है, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट एक सप्ताह में आने की उम्मीद है।

5-5 लाख देने सीएम का वादा 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा में जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है, उन परिवारों को 5-5 लाख रुपए की सहायता देने का वादा किया है। ऐसे परिवारों की जानकारी जुटाई जा रही है।

5 दिन से बचाव अभियान जारी

  • उत्तरकाशी जिले में शनिवार को लगातार पाँचवें दिन भी बचाव कार्य जारी रहा। आपदा में फंसे लोगों का हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू किया गया। दूरस्थ बस्तियों में भोजन पहुँचाया गया। 
  • धराली बाज़ार में भूस्खलन ने होटलों, होमस्टे और दुकानों को तबाह कर दिए हैं। एसडीआरएफ की टीमें डॉग स्क्वॉड और थर्मल इमेजिंग उपकरणों से लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।

धराली आपदा: आधिकारिक आंकड़े

  • 5 मौतें
  • 2 शव बरामद
  • 49 लोग अब भी लापता
  • 1,000+ लोगों की निकासी

CM बाेले-अब पुनर्स्थापना पर जोर 

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि बचाव कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। अब बिजली, मोबाइल नेटवर्क और सड़क संपर्क बहाल करने पर जोर दिया जाएगा। सामुदायिक रसोई स्थापित कर पीड़ितों को भोजन, कपड़े और अन्य ज़रूरी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

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