Uttarakhand weather update: उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी, देहरादून सहित आठ जिलों में 'यलो अलर्ट', 177 मार्ग ठप

उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन ठप हो गया है। मौसम विभाग ने 8 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के 177 सड़कों को बंद कर दिया गया है। SDRF और PWD टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।

Updated On 2025-09-12 07:45:00 IST

Uttarakhand Weather Update

Uttarakhand weather update: बदलते मौसम के मिजाज का असर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में साफ नजर आ रहा है। मॉनसून की धीमी होती रफ्तार के बावजूद, पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बार फिर देहरादून सहित आठ जिलों में भारी बारिश का 'यलो अलर्ट' जारी किया है, जिससे प्रशासन और आम जनता दोनों की चिंता बढ़ गई है। इस बारिश के कारण राज्य भर में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) सहित कुल 177 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप है।

पर्वतीय क्षेत्रों में 'यलो अलर्ट'

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। जिन जिलों के लिए यह चेतावनी जारी की गई है, उनमें देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ शामिल हैं। इन इलाकों में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ बारिश होने की भी संभावना है।

मौसम विभाग का मानना है कि यह स्थिति सामान्य मॉनसून की बजाय जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई है, जहां एक ही समय में कहीं बहुत ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं सूखा पड़ रहा है। मैदानी इलाकों में मॉनसून की गति धीमी होने से लोगों को कुछ राहत मिली है, लेकिन पहाड़ों में जोखिम बना हुआ है। मौसम विभाग ने 17 सितंबर तक राज्यभर में हल्की से तेज बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बंद सड़कों से जनजीवन प्रभावित

लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में सड़क नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बृहस्पतिवार को भी तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ 177 सड़कें पूरी तरह बंद रहीं। इससे न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा सड़कें टिहरी (23), चमोली (32), रुद्रप्रयाग (25), पौड़ी (12) और उत्तरकाशी (21) जिलों में बंद हैं, जिससे इन क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। इसके अलावा, देहरादून में 16, पिथौरागढ़ में 18, अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में 6 और नैनीताल में 7 सड़कें भी बंद हैं।

इन सड़कों के बंद होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है और आपातकालीन सेवाओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीमें सड़कों को खोलने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण यह काम धीमा हो रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जोखिम भरे इलाकों में जाने से बचें और बेहद जरूरी होने पर ही यात्रा करें। इस स्थिति ने एक बार फिर उत्तराखंड की नाजुक भू-संरचना और मानसून के दौरान आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को सामने ला दिया है।

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