देहरादून में साइबर ठगी: दून इंटरनेशनल स्कूल का ‘स्कूलपैड’ हैक, बरेली से 3 गिरफ्तार

देहरादून में साइबर अपराधियों ने दून इंटरनेशनल स्कूल का ‘स्कूलपैड’ प्लेटफॉर्म हैक कर अभिभावकों से ठगी की। उत्तराखंड एसटीएफ ने बरेली से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानें पूरी घटना।

By :  Desk
Updated On 2025-08-10 11:10:00 IST

देहरादून: दून इंटरनेशनल स्कूल का ‘स्कूलपैड’ हैक, बरेली से 3 ठग गिरफ्तार

देहरादून से  यशराज आनंद

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में साइबर अपराधियों ने दून इंटरनेशनल स्कूल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘स्कूलपैड’ (SchoolPad) को निशाना बनाकर सनसनीखेज साइबर ठगी को अंजाम दिया। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरेली से तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दो अभियुक्त बरेली के कुख्यात अपराधी हैं, जो पहले भी जेल जा चुके हैं।

स्कूलपैड हैकिंग और डेटा लीक का खुलासा

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि जुलाई 2025 में दून इंटरनेशनल स्कूल (सिटी कैंपस) के प्रधानाचार्य ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के अनुसार, स्कूल द्वारा बच्चों, अभिभावकों और स्कूल के बीच संचार के लिए बनाए गए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘स्कूलपैड’ को हैक कर लिया गया। हैकरों ने स्कूल की तीनों शाखाओं- डीआईएस सिटी कैंपस, डीआईएस रिवरसाइड और डीआईएस मोहाली के छात्रों के नाम, संपर्क विवरण और लॉगिन डेटा जैसी संवेदनशील जानकारी लीक कर दी।

हैकरों ने ‘स्कूलपैड’ का फर्जी इंटरफेस बनाकर अभिभावकों को भ्रामक व्हाट्सएप संदेश भेजे, जिसमें 4,990 रुपये की फीस एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब के लिए जमा करने को कहा गया। यह संदेश इतना प्रामाणिक लग रहा था कि कई अभिभावक धोखे में आ गए और उनकी निजी जानकारी चुराने के साथ-साथ उनके खातों से पैसे भी ठग लिए गए।

एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई, बरेली से 3 ठग गिरफ्तार

एसएसपी नवनीत सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि हैकरों ने फर्जी ‘स्कूलपैड’ इंटरफेस तैयार कर असली प्लेटफॉर्म में सेंध लगाई और सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप, के जरिए अभिभावकों को ठगने का जाल बिछाया। एसटीएफ ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर बरेली से तीन मुख्य आरोपियों- मोहम्मद रिजवान (19), सुदामा दिवाकर और मोहम्मद फराज (18) को गिरफ्तार किया। इनमें से मोहम्मद रिजवान और सुदामा दिवाकर के खिलाफ पहले से ही बरेली के इज्जतनगर थाने में आपराधिक मामले दर्ज हैं, और दोनों जेल जा चुके हैं।

बरामदगी और कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 मोबाइल फोन, 2 बैंक पासबुक, और 3 सिम कार्ड बरामद किए, जो इस अपराध में इस्तेमाल किए गए थे। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएसएस) की धारा 318(4), 319(2), 338, 338(3), 340(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

साइबर अपराध के खिलाफ सख्ती

एसएसपी नवनीत सिंह ने जनता से अपील की कि वे अनजान स्रोतों से आने वाले लुभावने ऑफर्स, फर्जी वेबसाइट्स, या ऑनलाइन निवेश के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ लगातार कठोर कार्रवाई कर रही है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

देहरादून में साइबर ठगी का बढ़ता खतरा

हाल के वर्षों में देहरादून साइबर अपराधियों के लिए एक नया केंद्र बनता जा रहा है। फर्जी कॉल सेंटरों और ऑनलाइन ठगी के मामलों में वृद्धि देखी गई है। एसटीएफ ने पहले भी कई साइबर ठग गिरोहों का पर्दाफाश किया है, जिसमें विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने वाले गिरोह भी शामिल हैं।

ध्यान दें:

यह खबर साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाने और पाठकों को सतर्क करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें। 

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