धराली आपदा: अब तक 1000 से ज्यादा लोगों को किया गया रेस्क्यू, 5 लाख की तत्काल सहायता राशि जारी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा में पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। राहत व पुनर्वास कार्य तेजी से जारी हैं।

Updated On 2025-08-09 21:01:00 IST

सीएम धामी ने धराली आपदा में घर खोने और जान गंवाने वाले परिवारों से मिलते हुए (फाइल फोटो)

Dharali disaster: उत्तरकाशी के धराली गांव में आई भीषण आपदा में प्रभावित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुआवजे का ऐलान किया है। धानी ने शनिवार (9 अगस्त) को कहा कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें 5-5 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही हादसे में जान गंवाने वाले  लोगों के परिजनों को भी समान राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार, प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास और स्थायी आजीविका के लिए राजस्व सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करेगी।

1000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू

सीएम धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन की ताजा जानकारी करते हुए बताया कि खराब मौसम के बावजूद अब तक 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इनमें स्थानीय निवासियों के साथ देशभर से आए तीर्थ यात्री भी शामिल हैं। घायलों को जिला अस्पताल और एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर्षिल व धराली क्षेत्रों में पर्याप्त दवाइयां, दूध, राशन और कपड़े पहुंचाए गए हैं। बिजली आपूर्ति के लिए उरेडा का पावर हाउस चालू किया गया है और यूपीसीएल टीम बिजली तारों की मरम्मत में जुटी है। मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है और 125 KV के दो जनरेटर सेट प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं। सड़क कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए गंगनानी में बेली ब्रिज का निर्माण तेज़ी से हो रहा है और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत जारी है। उम्मीद है कि मंगलवार तक हर्षिल तक सड़क मार्ग पूरी तरह चालू हो जाएगा।

सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

गुरुवार (7 अगस्त) को मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी गढ़वाल ज़िले के पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने मौके पर हालात का जायजा लिया और प्रशासन को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को आश्वस्त किया कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी और किसी को भी मुश्किल में अकेला नहीं छोड़ेगी।

सेना और ITBP ने संभाला मोर्चा

सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान राहत और बचाव कार्यों में लगातार जुटे हुए हैं। वे फंसे हुए पर्यटकों को भोजन, दवाएं और आश्रय उपलब्ध करा रहे हैं। नेलोंग हेलीपैड से पर्यटकों की सुरक्षित निकासी की जा रही है, जो सड़क मार्ग से गंगोत्री से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत दलों की आवाजाही आसान हो रही है। हालांकि, धराली सिविल हेलीपैड अभी भी भूस्खलन के कारण बंद है।

मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियानों को तेज़ करते हुए सेना ने सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स की तैनाती की है, ताकि लापता लोगों और संभावित जीवित बचे व्यक्तियों को खोजा जा सके।

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