यूपी पंचायत चुनाव: 'शहरीकरण' का असर, 40 जिला पंचायत सदस्य का पद खत्म, BDC भी हो जायेंगे कम
यूपी पंचायत चुनाव 2026 से पहले बड़ा बदलाव। शहरीकरण की वजह से 40 जिला पंचायत सदस्य और 1500 बीडीसी सीटें खत्म। जानें किन जिलों पर पड़ा असर।
UP Panchayat Chunav 2026
UP Panchayat Chunav 2026: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले ही राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं। हो रहें शहरीकरण की तेज रफ्तार से पंचायत के हजारों पद खत्म हो गए हैं। नगरीय निकायों के विस्तार ने न सिर्फ ग्राम प्रधानों की कुर्सी छीनी है, बल्कि 40 से ज्यादा जिला पंचायत सदस्यों और करीब 1500 बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) के पदों पर भी कैंची चला दी है। यह बदलाव ग्रामीण राजनीति के लिए एक बड़ा झटका है।
शहर बन गए गांव, खत्म हुए पद
यह बदलाव उन ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दिख रहा है जिन्हें हाल ही में नगर निगमों, नगर पालिकाओं या नगर पंचायतों में मिलाया गया है। जब कोई गांव शहरी सीमा में आता है, तो उसकी पहचान बदल जाती है और उसके सभी पंचायत पद - प्रधान, बीडीसी सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य - स्वतः समाप्त हो जाते हैं। अब इन क्षेत्रों के लोग सीधे नगरीय निकाय चुनावों में हिस्सा लेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का राजनीतिक भूगोल पूरी तरह से बदल जाएगा।
परिसीमन शुरू
राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग इस बड़े बदलाव को लेकर परिसीमन का काम युद्धस्तर पर कर रहे हैं। जिलों से नई सीमाओं की रिपोर्ट लगातार आ रही है, जो इस बात की पुष्टि करती है कि पदों की संख्या में भारी कमी आई है।
अंबेडकरनगर और अलीगढ़ जैसे जिलों में इसका असर दिखना भी शुरू हो गया है। अंबेडकरनगर में टांडा नगरपालिका के विस्तार ने 3 ग्राम प्रधानों, 4 बीडीसी और 37 ग्राम पंचायत सदस्यों को 'आउट' कर दिया है। इसी तरह अलीगढ़ में 21 ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र में मिलाने से 2 बीडीसी और 210 ग्राम पंचायत वार्डों पर असर पड़ा है।
उम्मीदवारों की बढ़ी टेंशन
इस बदलाव ने सिर्फ सीटों की संख्या पर ही असर नहीं डाला है, बल्कि उन उम्मीदवारों की भी नींद उड़ा दी है जो इन सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। अब उन्हें अपनी रणनीति नए सिरे से बनानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह नया परिसीमन चुनावी माहौल को पूरी तरह से बदल देगा और आने वाले चुनाव पिछले चुनावों से काफी अलग और अप्रत्याशित साबित हो सकते हैं।