'समर्थ उत्तर प्रदेश 2047' अभियान: छोटे शहरों तक 'डिजिटल उड़ान', राज्य को विकसित बनाने के लिए जनता ने सौंपे 7 लाख सुझाव

'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047' अभियान में 7 लाख से ज्यादा सुझाव मिले। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, संतुलित विकास और ई-गवर्नेंस पर जोर।

Updated On 2025-09-26 11:14:00 IST

समर्थ उत्तर प्रदेश 2047 अभियान: जनता से मिले 7 लाख से अधिक सुझाव

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047' अभियान को जनता से ज़बरदस्त समर्थन मिला है। प्रदेश के भविष्य के रोडमैप के लिए मांगे गए सुझावों में लोगों ने डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार, संतुलित विकास, और प्रशासनिक सुधार जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपनी राय दी है।

अब तक, सरकार को सात लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी उल्लेखनीय है। इन सुझावों की व्यापकता को देखते हुए, सरकार विजन डॉक्यूमेंट के लिए सुझाव देने की अंतिम तिथि (5 अक्टूबर) को बढ़ाने पर विचार कर रही है।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार छोटे शहरों तक

अभियान के तहत आए सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक डिजिटल बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है। लोगों का मानना है कि आईटी क्षेत्र को केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह सुझाव स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जनता स्मार्ट कनेक्टिविटी और डिजिटल समावेशन को भविष्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ मानती है। नागरिकों ने स्मार्ट एजुकेशन और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित खेती और मैन्युफैक्चरिंग जैसे अत्याधुनिक सुझाव भी दिए हैं, जो डिजिटल क्रांति की उनकी गहरी समझ को प्रदर्शित करता है।

संतुलित विकास और रोजगार सृजन की मांग

जनता ने विकास के संतुलन पर भी ज़ोर दिया है। आधुनिक तकनीक, हरित ऊर्जा, और एक बेहतर परिवहन नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया। इसके अलावा, लोगों ने स्पष्ट रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यह दर्शाता है कि जनता सिर्फ शहरीकरण नहीं, बल्कि एक समग्र विकास चाहती है जो गांव और शहर के बीच की खाई को पाट सके और पलायन को कम करे।

प्रशासनिक सुधार और सुशासन (ई-गवर्नेंस)

सात लाख सुझावों में प्रशासनिक पारदर्शिता और ई-गवर्नेंस के विस्तार से संबंधित बड़ी संख्या में राय शामिल हैं। नागरिक चाहते हैं कि सरकार की कार्यप्रणाली में अधिक जवाबदेही और स्पष्टता हो। ई-गवर्नेंस के विस्तार का सुझाव सीधे तौर पर नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और सरकारी सेवाओं को उनके दरवाज़े तक पहुँचाने की इच्छा को दर्शाता है। यह सुशासन को मजबूत करने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए जनता की अपेक्षाओं का प्रमाण है।

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सर्वोच्च प्राथमिकता

जनता ने पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य, को बेहतर बनाने के लिए भी सुझाव दिए हैं। लोगों की राय है कि इन मूलभूत सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सुझावों में आधुनिक शिक्षा और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने पर जोर दिया गया है। जनता मूलभूत सुविधाओं के विकास को भी उतना ही महत्वपूर्ण मानती है जितना कि अत्याधुनिक स्मार्ट सिटी और एआई आधारित नवाचारों को, जो एक स्वस्थ और शिक्षित समाज की नींव रखने की उनकी इच्छा को दर्शाता है।

सुझावों में ग्रामीण भागीदारी और सरकार का उत्साह

इस अभियान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि प्राप्त सात लाख सुझावों में से लगभग 5.5 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं, जबकि नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.5 लाख सुझाव मिले हैं। यह विशाल ग्रामीण भागीदारी दर्शाती है कि यह अभियान प्रदेश के हर कोने तक पहुँचा है और आम जनता इसे अपने भविष्य को आकार देने का एक महत्वपूर्ण मंच मान रही है।

सरकार इन सुझावों की संख्या और गहराई से उत्साहित है। सभी जिलों में नोडल अधिकारी और प्रबुद्धजन छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, किसानों और श्रमिक संगठनों सहित विभिन्न वर्गों के लोगों से सक्रिय रूप से चर्चा करके उनके विचार एकत्र कर रहे हैं। सुझावों की भारी संख्या के कारण, उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सरकार अंतिम तिथि (5 अक्टूबर) को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है ताकि अधिकतम लोगों की राय को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया जा सके। ये सुझाव 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' के रोडमैप को जन-केंद्रित और समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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