ऐतिहासिक ध्वजारोहण महोत्सव का शंखनाद: अयोध्या में 25 नवंबर को PM मोदी फहराएंगे 191 फीट ऊंचा ध्वज!
इस महोत्सव की शुरुआत 20 नवंबर को 551 कलशों के साथ भव्य शोभायात्रा से हुई। काशी के 108 वैदिक विद्वान अनुष्ठान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में लगभग चार धर्म घंटे तक अयोध्या में रहेंगे।
आयोध्या : अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की एक और गौरवशाली गाथा का शुभारंभ हो चुका है। पांच दिवसीय 'ध्वजारोहण महोत्सव' की शुरुआत गुरुवार, 20 नवंबर को सरयू तट से भव्य कलश यात्रा के साथ हुई।
यह अनुष्ठान 25 नवंबर, विवाह पंचमी के शुभ मुहूर्त तक चलेगा, जिसका मुख्य आकर्षण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर के 191 फीट ऊंचे मुख्य शिखर पर केसरिया ध्वज फहराना होगा। मंदिर निर्माण कार्य के लगभग पूर्ण होने का प्रतीक यह ऐतिहासिक पल, रामनगरी को एक बार फिर वैश्विक पटल पर आस्था और संस्कृति के केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में पूरे अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है और इस आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं।
कलश यात्रा से हुआ दिव्य महोत्सव का भव्य शुभारंभ
गुरुवार को मार्गशीर्ष अमावस्या के पावन अवसर पर ध्वजारोहण महोत्सव का औपचारिक आगाज सरयू तट पर आयोजित एक भव्य कलश यात्रा से हुआ।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने संत तुलसीदास घाट पर सरयू जल का वैदिक पूजन किया, जिसके बाद यह यात्रा शुरू हुई। इस धार्मिक शोभायात्रा में 551 से अधिक महिला श्रद्धालु अपने सिर पर कलश रखकर शामिल हुईं, जो सरयू का पवित्र जल लेकर राम मंदिर परिसर पहुंची। उनके आगे 151 वैदिक छात्र ध्वज लेकर चल रहे थे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
यह कलश यात्रा अमृत काल और सर्वार्थ सिद्धि योग में निकाली गई, जिसने अयोध्या के वातावरण को उत्सवमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। यह जल मंदिर में होने वाले पंच दिवसीय अनुष्ठान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी पूर्णाहुति 25 नवंबर को होगी।
अनुष्ठान का नेतृत्व काशी के मुख्य आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी कर रहे हैं, जिसमें काशी और दक्षिण भारत सहित कुल 108 वैदिक विद्वानों का दल शामिल है।
25 नवंबर को PM मोदी करेंगे ध्वजारोहण
पांच दिवसीय अनुष्ठान का समापन 25 नवंबर को विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। यह ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 12:00 से 12:30 बजे) के बीच बटन दबाकर किया जाएगा। मंदिर का मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा है, जिसके ऊपर 30 फीट का बाहरी ध्वजदंड लगाया गया है, जिससे ध्वज कुल 191 फीट की ऊंचाई पर लहराएगा।
यह केसरिया ध्वज ज्वाला, प्रकाश, त्याग और तप का प्रतीक होगा। इस पर प्रभु श्रीराम के सूर्यवंश का द्योतक 'सूर्य', परमात्मा का प्रथम नामाक्षर 'ॐ', और अयोध्या के राजवंशीय चिह्न 'कोविदार वृक्ष' अंकित होगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह ध्वज भारत की आस्था, एकता और सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक बनेगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री लगभग चार घंटे तक अयोध्या में रहेंगे।
भव्य आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां और अतिथिगण
ध्वजारोहण समारोह को प्राण प्रतिष्ठा की तरह ही भव्य बनाने की तैयारियां की गई हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
ट्रस्ट के अनुसार, समारोह में कुल 6,000 लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें 3,000 अयोध्या जनपद से होंगे। इसमें देशभर के प्रमुख संतों, विद्वानों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और वनवासी क्षेत्रों के संत समाज को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी जिस गेट नंबर-11 से मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे, उसका नाम बदलकर अब 'जगदगुरु आद्य शंकराचार्य द्वार' कर दिया गया है।
भक्तों के लिए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए मंदिर ट्रस्ट और अयोध्या विकास प्राधिकरण ने जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाने की व्यवस्था की है।