ऐतिहासिक पल: राम मंदिर शिखर पर PM मोदी करेंगे ध्वजारोहण; रोड शो में 5 हजार महिलाएं करेंगी अगवानी

यह आयोजन मंदिर की पूर्णता का प्रतीक है। ध्वजारोहण से पहले ध्वज का महापूजन संपन्न हो चुका है।

Updated On 2025-11-24 12:36:00 IST

501 बटुक ब्राह्मण भी शंखनाद और स्वस्तिवाचन के साथ उनका स्वागत करेंगे।

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने को तैयार है, जहा 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के 161 फुट उंचे शिखर पर भगवा ध्वज फहराकर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना का प्रतीक है।

ध्वजारोहण से पहले, ध्वज का महापूजन विधिवत रूप से संपन्न हो चुका है। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए अयोध्या को भव्यता से सजाया गया है, और उनके रोड शो के दौरान 5,000 महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में उनकी अगवानी करेंगी।

शिखर पर ध्वजारोहण - पूजन, ध्वज और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस भव्य समारोह का मुख्य आकर्षण मंदिर के शिखर पर होने वाला ध्वजारोहण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस विशेष भगवा ध्वज को फहराएंगे। यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है, जिसे टिकाऊ पैराशूट फैब्रिक से विशेष रूप से तैयार किया गया है और इस पर भगवान राम के वंश का प्रतीक सूर्य अंकित है।

ध्वजारोहण से पूर्व, इस ध्वज का वैदिक आचार्यों द्वारा महापूजन और अभिषेक किया गया, जो अनुष्ठानों का एक महत्वपूर्ण भाग था। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई संत-महात्मा और देश के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

पीएम मोदी का रोड शो और नारी शक्ति द्वारा भव्य स्वागत

ध्वजारोहण समारोह के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की जनता का अभिवादन स्वीकार करने के लिए एक विशाल रोड शो करेंगे। यह रोड शो साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मार्ग तक जाएगा।

सड़क के दोनों ओर प्रधानमंत्री का स्वागत अभूतपूर्व तरीके से आयोजित किया गया है। रोड शो मार्ग को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के आठ अलग-अलग ज़ोन में बांटा गया है, जहां विभिन्न लोक नृत्यों और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक झाकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।

स्वागत का सबसे मुख्य आकर्षण 5,000 से अधिक महिलाओं की उपस्थिति होगी, जिनमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाए भी शामिल हैं। ये महिलाए पारंपरिक परिधानों में, आरती की थाल और फूल-मालाए लेकर, प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगी, जो नारी शक्ति के सम्मान और प्रभु राम के प्रति समर्पण का प्रतीक होगा। 501 बटुक ब्राह्मण भी शंखनाद और स्वस्तिवाचन के साथ उनका स्वागत करेंगे।

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