Indigo Crisis: अमौसी एयरपोर्ट पर यात्री की तबीयत बिगड़ने से मौत, 33 उड़ानें रद्द होने से यात्रियों में गुस्सा
लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे कानपुर के 46 वर्षीय यात्री अनूप पांडेय की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
रविवार को लखनऊ से आने-जाने वाली कुल 33 उड़ानें रद्द रहीं।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इन दिनों लगातार उड़ानें रद्द होने और यात्रियों की भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था का केंद्र बना हुआ है।
इसी अव्यवस्था के बीच फ्लाइट का इंतजार कर रहे कानपुर के एक यात्री की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार देर रात की है, जिसके बाद रविवार को पोस्टमार्टम के उपरांत शव परिजनों को सौंपा गया।
इस बीच, रविवार को भी लखनऊ से आने-जाने वाली इंडिगो एयरलाइंस की 33 उड़ानें रद्द रहीं, जिससे लगभग 4000 यात्री प्रभावित हुए और उन्हें अपनी यात्रा रीशेड्यूल करनी पड़ी। लगातार हो रहे कैंसिलेशन और देरी से यात्रियों में भारी नाराजगी और गुस्सा देखा गया।
यात्री की मौत और परिजनों का आरोप
कानपुर के कल्याणपुर निवासी 46 वर्षीय अनूप पांडेय अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बेंगलुरु में रहते थे और एक निजी कंपनी में फाइनेंस एग्जीक्यूटिव के तौर पर कार्यरत थे। वे एक रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के लिए कानपुर आए थे।
शुक्रवार देर रात उनकी दिल्ली होते हुए बेंगलुरु के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट थी। अनूप पांडेय लगातार फ्लाइट रद्द होने से काफी घबराए हुए थे और देर रात एयरपोर्ट पर दौड़भाग के बीच उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
एयरपोर्ट कर्मियों द्वारा उन्हें लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहा डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके भाई अनिल ने आरोप लगाया कि घटना के बाद परिजनों द्वारा सीसीटीवी फुटेज और जानकारी मांगने पर एयरपोर्ट अधिकारियों ने कोई सहयोग नहीं किया।
अनूप पांडेय की पत्नी और बच्चों को फ्लाइट रद्द होने के कारण बेंगलुरु से टैक्सी के जरिए कानपुर वापस आना पड़ा।
उड़ानें रद्द होने का सिलसिला और यात्रियों की परेशानी
अमौसी एयरपोर्ट पर विमानों के संचालन में बाधा पिछले कई दिनों से जारी है। इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों के निरस्त होने से हवाई यातायात लगभग चरमरा गया है। रविवार को लखनऊ से आने-जाने वाली कुल 33 उड़ानें रद्द रहीं।
इस दौरान दिल्ली से आने वाली एक फ्लाइट को कोलकाता डायवर्ट करना पड़ा। उड़ानें रद्द होने की सूचना यात्रियों को ऐन वक्त पर मिली, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
लगभग 4000 यात्रियों को अपनी यात्रा रीशेड्यूल करनी पड़ी। कई यात्रियों ने गुस्से में हंगामा भी किया।
बलरामपुर से आईं दो सगी बहनों को जब फ्लाइट निरस्त होने की सूचना मिली तो वे हताश होकर रोने लगीं, क्योंकि उनका भाई उन्हें ड्रॉप कर वापस लौट चुका था और अब उन्हें वापसी की चिंता सता रही थी।
विमानन संकट और सरकार का हस्तक्षेप
विमानों का निरस्तीकरण पांचवें दिन भी जारी रहा, जिससे यात्रियों की समस्याएं कम नहीं हो रहीं। यह संकट केवल लखनऊ तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई बड़े एयरपोर्ट्स (जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई) पर इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द या विलंबित हुई हैं।
इस परिचालन विफलता के पीछे क्रू और पायलटों की कमी के साथ-साथ नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों को बताया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस फसाद की जांच के आदेश दिए हैं और इंडिगो के सीईओ को तलब कर स्थिति की समीक्षा की है।
सरकार ने यात्रियों की परेशानी को देखते हुए जल्द से जल्द नागरिक उड्डयन सेवाओं को सामान्य करने और रविवार रात 8 बजे तक सभी लंबित यात्री रिफंड क्लियर करने का निर्देश दिया है।