आस्था का महासागर: अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान शुरू, पवित्र सरयू में लाखों श्रद्धालु लगा रहे हैं डुबकी
अयोध्या में आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरयू नदी में पवित्र स्नान शुरू हो गया है, जिसके लिए 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है।
अयोध्या : भगवान राम की नगरी अयोध्या में आज कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर आस्था का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व पर सरयू नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु मंगलवार रात से ही रामनगरी में डेरा डाले हुए थे।
पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की रात्रि 10:56 बजे से शुरू हुई और 5 नवंबर (बुधवार) को शाम 6:48 बजे तक रहेगी, जिसके कारण ब्रह्म मुहूर्त से ही घाटों पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सरयू में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और यह तिथि स्नान, व्रत एवं दान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार लिया था और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर असुर का संहार किया था।
घाटों पर 10 लाख से अधिक भक्त और देव दीपावली का आयोजन
कार्तिक पूर्णिमा का यह स्नान कार्तिक मेले का प्रमुख और अंतिम पर्व होता है, जिसकी पूर्णाहुति के साथ ही महीने भर से चल रहे कल्पवास अनुष्ठान का भी समापन हो जाता है। जिला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस प्रमुख स्नान पर्व पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर जुटने की संभावना है।
नयाघाट, रामघाट, लक्ष्मणघाट, गुप्तारघाट और राम की पैड़ी सहित सभी घाटों पर भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ दिख रही है। रामनगरी में आस्था और भक्ति का माहौल ऐसा है कि हर घाट और हर गली राम नाम की ध्वनि से गूंज रही है। इसके साथ ही, आज सरयू तट पर घाटों को दीपों से सजाकर देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा, जिसका उत्साह चरम पर है।
राम मंदिर और प्रमुख मंदिरों में भी लंबी कतारें
सरयू में पवित्र स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं का रेला रामनगरी के प्रमुख मंदिरों की ओर उमड़ पड़ा है। राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, दशरथ महल और नागेश्वर नाथ मंदिर जैसे आस्था के केंद्रों पर दर्शनार्थियों की लंबी कतारें सुबह से ही लग गई हैं।
परंपरागत रूप से, श्रद्धालु सरयू नदी के पवित्र जल से स्नान करने के बाद नागेश्वर नाथ महादेव का जलाभिषेक करते हैं, और यह सिलसिला पूरे दिन जारी रहेगा।
सुरक्षा, यातायात डायवर्जन और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम
लाखों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र को सुरक्षा के मद्देनजर 5 जोन में विभाजित किया गया है और पुलिस, पीएसी तथा अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है। भीड़ पर लगातार नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नगर निगम ने घाटों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं; घाटों की सफाई के लिए 250 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है और 25 स्थानों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की गई है। महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर 250 बायो टॉयलेट और 97 चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है।
भीड़ नियंत्रण के लिए मंगलवार से ही यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है, जिसके तहत श्रीराम अस्पताल से लता मंगेशकर चौक के बीच चार पहिया और बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।