यूपी बजट सत्र-2025: संभल, सनातन और महाकुंभ पर जोरदार बहस; CM योगी ने ममता बनर्जी को दिया करारा जवाब

UP Budget session 2025 Day-2: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार (19 फरवरी) को अंग्रेजी और उर्दू का मुद्दा गर्माया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा, हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते, लेकिन सदन की कार्यवाही में ब्रज, अवधी, बुंदेली और भोजपुरी के साथ उर्दू और संस्कृत भी शामिल हो।

Updated On 2025-02-19 15:31:00 IST
UP budget session 2025

UP Budget session 2025 Day-2: उत्तर प्रदेश बजट सत्र के दूसरे दिन महाकुंभ, सनातन और संभल हिंसा पर जोरदार बहस हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के तमाम सवालों और आरोपों का अपने अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के मृत्युकुंभ वाले बयान पर भी पलटवार किया। कहा, महाकुंभ में 56 करोड़ से ज्यादा लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं। इस तरह के अनर्गल सनातन आस्था का अपमान हैं।

सीएम योगी ने विपक्षी नेताओं से कहा, महाकुंभ पर सियासत न करें। महाकुंभ किसी सरकार का आयोजन नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति का महासंगम है। उन्होंने संभल हिंसा और उर्दू, अंग्रेजी और संस्कृत को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल किए जाने के मुद्दे पर जवाब दिया।     

अंग्रेजी नहीं समझ पाते विधायक 
उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में अंग्रेजी और उर्दू को शामिल करने का मुद्दा बुधवार को फिर गर्माया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा, हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते, जिसे पढ़ना है पढ़े, लेकिन सदन की कार्यवाही में इसे शामिल नहीं करना सही नहीं है। ज्यादातर सदस्य इसे समझ नहीं पाते। 

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CM योगी बोले-

  • योगी आदित्यनाथ ने 29 जनवरी की महाकुंभ भगदड़ में मारे गए 30 लोगों और प्रयागराज जाते समय सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। कहा, हम हर संभव मदद करेंगे। सरकार उनके साथ खड़ी है, लेकिन इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। 
  • मुख्यमंत्री योगी ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सदी के इस महाकुंभ से जुड़ने का मौका मिलना सौभाग्य की बात है। देश दुनिया के करोड़ों लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने। उन पर तमाम झूठे अभियानों से कोई फर्क नहीं पड़ा। 

नेता प्रतिपक्ष बोले-उर्दू और संस्कृत जरूरी 
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद ने कठमुल्ला पैदा करने वाले आरोप मुख्यमंत्री की निंदा की। पूछा-गोरखपुर में उर्दू के बड़े शायर हुए रम्पत शाह फिराक क्या कठमुल्ला थे? विश्वविद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले क्या कठमुल्ला हैं? मुझे इस शब्द पर आपत्ति है। हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते, लेकिन सदन की कार्यवाही में ब्रज, अवधी, बुंदेली और भोजपुरी के साथ उर्दू और संस्कृत को भी शामिल किया जाए। अंग्रेजी न हमारी संस्कृतिक भाषा है और न राजभाषा। इसलिए इसका प्रयोग यहां अनुचित है। 

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